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भोपाल. तीन तलाक के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष बनाने की मुहिम शुरू हो गई है। शरई कानून को लेकर शहर और प्रदेश में हस्ताक्षर अभियान शुरू हुआ है। वहीं, महिला संगठन ने इसे और शरई कानून को अलग-अलग मामला बताया। उनके मुताबिक महिला अधिकारों के लिए जो लड़ाई शुरू हुई वह जारी रहेगी।
हाल में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई थी। इसमें शहर के कई उलेमा ने हिस्सा लिया था। जिन तीन मामलों पर आम राय बनी बोर्ड उनके पक्ष में हस्ताक्षर अभियान चला रहा है। वहीं भारतीय मुस्लिम महिला संगठन ने मामले में कहा कि जो तरीका कुरान में है वही शरीयत है। इसी के तहत नियम हो। न कि किसी संस्था या बोर्ड के जरिए बनाए नियम हो। संगठन के मुताबिक महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी। देशभर से समर्थन जुटाया जा रहा है।
तैयार कराया था ड्रॉफ्ट
मु स्लिम महिलाओं के अधिकारों के संबंध में संगठन ने एक ड्रॉफ्ट तैयार कराया था। इस पर आमराय के लिए कई प्रदेशों में इसे भेजा गया। साफिया अख्तर के मुताबिक इस पर जनप्रतिनिधियों की मंजूरी के बाद इसे एक बिल के रूप में पारित करने की पहल की गई थी।
यूनिफार्म, सिविल कोर्ट और तीन तलाक दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं। कुरान में जो तरीका बताया गया है उसके तहत नियम हों। महिलाओं के हक के लिए जो लड़ाई शुरू की है वह जारी रहेगी।
साफिया अख्तर, कन्वीनर भारतीय मुस्लिम महिला संघ
सभी को अपने मजहब के मुताबिक जिंदगी गुजारने का हक संविधान ने दिया है। इसमें दखल दिया जा रहा है। इसके विरोध में अभियान चलाया जा रहा है।