
भोपाल। मैनिट परिसर में घूम रहा बाघ आखिरकार पिंजरे में आ ही गया। आपको बता दें कि बाघ शनिवार-रविवार की दरमियानी रात पिंजरे में आ गया था। इसकी शिफ्टिंग नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) में की जा रही है। भोपाल से वन विभाग की टीम बाघ को लेकर दोपहर 12.35 बजे रवाना हो चुकी है। शाम तक उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा। फिलहाल बाघ को एसटीआर की चूरना रेंज में छोड़े जाने की जानकारी मिली है।
13 दिन से मैनिट में घूम रहा था बाघ
मैनिट परिसर के अंदर यह बाघ न्यू मार्केट से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर घूम रहा था। जिसे 13 दिन पहले मैनिट के ही कर्मचारियों ने इसे देखा था। यहां बाघ ने चार मवेशियों पर हमले किए थे, जिसमें एक की मौत हो गई थी। इसकी निगरानी करने के लिए 50 वनकर्मियों को अलग-अलग शिफ्ट में तैनात किया गया था। 21 ट्रैप कैमरों से बाघ की निगरानी की जा रही थी।
ऐसे आया पकड़ में
मैनिट परिसर करीब 600 एकड़ में फैला है। इसमें मैनिट का मुख्य भवन है और हॉस्टल समेत कई दफ्तर हैं। इनसे करीब एक किलोमीटर की दूरी पर परिसर के अंदर तालाब है। इस तालाब के आसपास ही बाघ को कई बार आते-जाते देखा जा रहा था। इसे पकडऩे के लिए पहले एक पिंजरा लगाया गया। जब वह पकड़ नहीं आया, तो एक के बजाय दो पिंजरे रखे गए। लेकिन वह तब भी पकड़ में नहीं आया। शनिवार शाम को तीसरा पिंजरा लगाया गया था। इन पिंजरों के अंदर बकरे बांधे गए थे। तीसरे नए पिंजरे के अंदर बंधे हुए बकरे का शिकार करने बाघ इसमें आ गया और पिंजरा बंद हो गया।
Published on:
16 Oct 2022 03:09 pm
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