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93 अनाधिकृत कॉलोनी में अधोसंरचना को लेकर टीएनसीपी ने लगाया पेच

भवन अनुज्ञा की अनुमति नगपालिका जारी करती है, लेकिन नगरपालिका सिर्फ उन्हें ही अनुमति देती हैं जिनका भूखंड वैध कॉलोनी में हो। अवैध कॉलोनियों में किसी प्रकार की अनुमति नहीं दी जाती है।

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नगरपालिका में 350 से 400 आवेदन भवन अनुज्ञा के लंबित पड़े हैं

350 to 400 applications for building permission are pending in the municipality.

बैतूल। शहर के अंबेडकर वार्ड में रहने वाले लोकेश मालवीय ने वर्ष 2010 में प्लाट खरीदा था, मकान बनाने के लिए उन्होंने जमीन का डायवर्शन भी करा। खाली प्लाट का अभी तक नगपालिका में 20 हजार रुपए टैक्स जमा कर चुके हैं, लेकिन नगरपालिका से भवन अनुज्ञा की अनुमति आज तक नहीं मिल सकी है। किराये के घर में ही उन्हें रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।...... यह कहानी अकेले लोकेश की नहीं है बल्कि ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने अनाधिकृत कॉलोनियों में प्लाट ले रखे हैं लेकिन उन्हें भवन निर्माण के लिए नगरपालिका से अनुमति नहीं मिल रही है। वहीं अनाधिकृत कॉलोनियों में लोग सडक़, नाली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से भी परेशान है। मई 2023 में मुख्यमंत्री ने दिसंबर 2022 तक की सारी अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने की घोषणा कर दी थी। इस घोषणा के बाद लोगों को उम्मीद जागी थी कि जल्द ही उनका भी अपना घर होगा, लेकिन 93 अनाधिकृत कॉलोनियों में मूलभूत अधोसंरचना को लेकर नगरपालिका ने जब टीएनसीपी से अभिमत के पत्र लिखा तो टीएनसीपी ने इसमें पेच लगा दिया है। जिसकी वजह से अनाधिकृत कॉलोनियों में मूलभूत अधोसंरचना के कार्य अधर में लटक गया है। हालांकि नगरपालिका ने आधी कॉलोनियों के लेआउट का प्रकाशन कर दिया है।

भवन अनुज्ञा के 350 से अधिक आवेदन लंबित
भवन अनुज्ञा की अनुमति नगपालिका जारी करती है, लेकिन नगरपालिका सिर्फ उन्हें ही अनुमति देती हैं जिनका भूखंड वैध कॉलोनी में हो। अवैध कॉलोनियों में किसी प्रकार की अनुमति नहीं दी जाती है। बताया गया कि अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद नगरपालिका में भवन निर्माण की अनुज्ञा के लिए ढेरों आवेदन हुए हैं, लेकिन इनमें से अभी तक किसी को भी अनुमति जारी नहीं की गई है। नगरपालिका में 300 से 350 के लगभग भवन अनुज्ञा के आवेदन लंबित पड़े हुए हैं।
टीएनसीपी ने भूमि विकास नियम का लगाया पेच
नगरपालिका ने म.प्र कॉलोनी विकास नियम 2021 के उप नियम 23(4) के तहत 93 अनाधिकृत कॉलेानियों की सूची टीएनसीपी (नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय) बैतूल को अभिमत के लिए पे्रषित की थी, लेकिन टीएनसीपी ने नगरपालिका को जारी पत्र में उल्लेखित किया कि खसरा नंबर का अक्स बंटाकन सहित उपलब्ध न होने के कारण बैतूल विकास योजना 2035 अनुसार भूमि उपयोग की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। इसलिए भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधान को मार्गदर्शिका के रूप में उपयोग किया जाना उचित होगा। भूमि विकास नियम का यदि पालन सुनिश्चित किया जाता है कि 93 अनाधिकृत कॉलोनियों में भूलभूत अधोसंरचना का निर्माण होना मुश्किल है, क्योंकि शहरी क्षेत्र में जो 93 अनाधिकृत कॉलोनियां हैं वह सालों पुरानी बसी हुई हैं जिनमें भूमि विकास नियम के अनुरूप कार्य करा पाना मुश्किल है।

टीएनसीपी ने यह लगाया पेच
1. म.प्र भूमि विकास नियम 2012 नियम 38 पहुंच मार्ग- किसी भूखंड या भूमि के विकास की अनुमति तब तक नहीं दी जाएगी, जब तक वहां सार्वजनिक मार्ग से पहुंचने का साधन न हो, जिसकी न्यूनतम चौड़ाई 7.5 मीटर होना चाहिए।
2. म.प्र भूमि विकास नियम 2012 नियम 50 (ख) जल निकाय, जल स्त्रोत के उच्चतम जलसतर से 9 मीटर एवं नदी के मामले में 15 मीटर की दूरी के पश्चात निर्माण कार्य किया जाए।
3. म.प्र भूमि विकास नियम 2012 नियम 52 के तहत विद्युत लाइनों से दूरी अनुसार प्रावधान रखा जाए।
4. आवासीय भूखंडीय विकास अनुज्ञा के लिए नियमानुसार कमजोर आय वर्ग एवं निम्न आय वर्ग के लिए भूखंडों की संख्या का कुल 15 प्रतिशत भवन/भूमि आरक्षित किए जाने का प्रावधान होना चाहिए।
5. भूखंड की चौड़ाई एवं गहराई नियोजन की दृष्टि से 1:1.5 से 1:3 होना चाहिए।
6. ऐहितासिक भवन रेलवे लाइन, नेशनल हाईवे एवं संवेदनशीन क्षेत्र के नियमानुसार अनापत्ति प्राप्त किया जाना चाहिए।
7. म.प्र नगरपालिका कॉलोनी विकास नियम 2021 के समस्त नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
8. म.प्र ग्राम पंचायत कॉलोनियों का विकास नियम 2014 के समस्त नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाना होगा।
9. म.प्र भूमि विकास 2012 नियम 47 अनुसार न्यूनतम सामुदायिक खुला क्षेत्र अभिन्यास क्षेत्र का 10 प्रतिशत एवं सर्विस एरिया 01 प्रतिशत रखना आवश्यक होगा।

क्या कहते हैं लोग
- चक्कर रोड स्थित सिद्धि रेसीडेंसी में पांच साल से रह रहे हैं, लेकिन सडक़, नाली, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली है। कई बार जनसुनवाई में आवेदन कर चुके हैं। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। अवैध कॉलोनी कहकर नपा ने काम करने से हाथ खड़े कर दिए।
- हर्षित चौधरी, अंबेडकर वार्ड।
- अंबेडकर वार्ड में 2010 में प्लॉट खरीदा था। एक साल पहले मकान बनाने के लिए नगरपालिका में आवेदन किया था, लेकिन तक भवन निर्माण की अनुज्ञा नहीं मिली है।नपा कहती है अवैध कॉलोनी में अनुमति नहीं दी जा सकती है। जबकि 20 हजार रुपए खाली प्लॉट का टैक्स जमा कर चुका हूं।
- लोकेश मालवीय, अंबेडकर वार्ड।
लीड खबर में वर्जन लगाए
इनका कहना
- टीएनसीपी से हमें पत्र मिला है। जिसमें भूमि विकास नियम 2012 के प्रावधानों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें से कुछ नियम तो फॉलो हो जाएंगे लेकिन अन्य में मुश्किल हैं। टीएनसीपी के साथ बैठक होना हैं जिसमें इस बारे में चर्चा की जाएगी।
- नीरज धुर्वे, एई नगरपालिका बैतूल।