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मप्र पुलिस और स्टेट बैंक के बीच हुआ एमओयू, पीओएस मशीन से बनेंगे चालान

-सबसे अधिक सडक़ हादसों वाले थानों को दी जाएंगी पीओएस मशीन

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मप्र पुलिस और स्टेट बैंक के बीच हुआ एमओयू, पीओएस मशीन से बनेंगे चालान

मप्र पुलिस और स्टेट बैंक के बीच हुआ एमओयू, पीओएस मशीन से बनेंगे चालान

भोपाल. ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर खुद की और दूसरों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ अब चालानी कार्रवाई पीओएस मशीन से की जाएगी। इसके लिए मप्र पुलिस ने पांच बैंकों से एमओयू साइन किया है। सोमवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ एमओयू साइन किया गया। इधर पांचों बैंकों को पीओएस मशीन शुरू करने के लिए कार्यक्षेत्र आवंटित किए गए हैं। ये पीओएस मशीन उन थानों में दी जाएंगी, जहां सडक़ हादसों की संख्या अधिक है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को भोपाल संभाग के चार जिले एवं सागर संभाग के छह जिले दिए गए हैं। बैंक से तीन सौ पीओएस मशीन मिली हैं। पीटीआरआइ के एडीजी जी. जर्नादन ने बताया कि पीओएस मशीन के उपयोग से सडक़ हादसों में होने वाली मृत्युदर को कम करने में मदद मिलेगी। पीओएस मशीन के संचालन के लिए सभी जिलों के नोडल एवं यातायात अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। पीओएस मशीन से डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग के जरिये चालान की रााशि ली जाएगी। पहले चरण में चार अन्य बैंकों से १५०० पीओएस मशीन मिलेंगी। इन बैंकों से एक सप्ताह में एमओयू साइन होगा। स्टेट बैंक से एमओयू साइन करने के अवसर पर हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडीजी एससीआरबी चंचल शेखर ने कहा कि परंपरागत चालान के स्थान पर पीओएस मशीन से ई-चालान करने से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा। अगले चरण में चालानी कार्रवाई को ई-कोर्ट से जोड़ा जाएगा। एडीजी प्रशासन अनिल कुमार ने कहा कि पीओएस मशीन द्वारा चालानी कार्रवाई से पारदर्शिता आएगी। कैशलेस होने से पुलिसकर्मियों की अनावश्यक शिकायत भी नहीं होगी। कार्यक्रम में एडीजी (कल्याण शाखा) विजय कटारिया, एडीजी प्रशासन डी. श्रीनिवास राव समेत स्टेट बैंक के डीजीएम अनुराग भार्गव समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।