
upsc 2019 abhishek saraf 8th ranking
भोपाल। शहर के अभिषेक सराफ ने यूपीएससी (upsc) में 8वीं रैंक हासिल की है। अभिषेक फिलहाल असिस्टेंट कमिश्नर (आईआरएस) हैं। एनएसीआईएन, फरीदाबाद से एक साल की छुट्टी लेकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद उनका सिलेक्शन आईईएस के लिए हुआ है।
अभिषेक की इससे पहले 2017 में 402वीं रैंक आई थी। उन्हें इंडियन डिफेंस एकाउंट्स सर्विसेस मिली थी। 2018 में 248वीं रैंक आई और आईआरएस के लिए चुने गए। उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
भरोसा ऐसा कि प्लेसमेंट में ही नहीं बैठे :-:
अभिषेक का कहना है कि आईआईटी में 1768वीं रैंक आई थी। आईआईटी में फोर्थ ईयर के दौरान ही मैंने आईईएस (IES) के लिए तैयारी शुरू कर दी थी। मेरा फोकस यही था, इसलिए मैं कैंपस तक में नहीं बैठा। 2014 में एग्जाम दी और ऑल इंडिया में 6वीं रैंक लाकर असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव आर्किटेक्ट बन गया। जॉब के दौरान मैंने देखा कि दुनिया में करने और सीखने के लिए बहुत कुछ नया है। इस दौरान मैंने आईएएस की ओर रुझान हुआ और मैंने तैयारी शुरू कर दी। आईआईटी में पढ़ाई के दौरान मैंने वर्जिनिया, अमेरिका और कनाडा से इंटर्नशिप कर इंजीनियरिंग फील्ड में नई चीजें सीखी। मैंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कैंपियन स्कूल और अरेरा कॉन्वेंट हायरसेकंडरी स्कूल से की है।
इंजीनियर पढ़ना ही अच्छा लगता है :-:
अभिषेक का कहना है कि इंजीनियरिंग ही मेरा फेवरेट है। आमतौर पर यूपीएससी के दौरान प्रतिभागी सब्जेक्ट चेंज कर लेते हैं, मेरे साथियों ने भी मुझे यही सुझाव दिया। लेकिन, मैंने तीनों ही बार इंजीनियर सब्जेक्ट से ही एग्जाम दिया। मुझे ये अन्य विषयों से आसान लगा, क्योंकि मैं इसमें बेहतर इंटरेक्ट कर सकता हूं।
डेटा से आंसर में फैक्ट्स बढ़ जाते हैं :-:
अभिषेक बताते हैं कि कहा जाता है कि यूपीएससी के एग्जाम में डेटा का ज्यादा उपयोग नहीं करना चाहिए। लेकिन, मैंने डेटा का ज्यादा से ज्यादा यूज किया। इससे आंसर में फैक्ट आ जाता है, हां, ये जरूरी है कि आपका हर फैक्ट एकदम सही होना चाहिए। जो डेटा का यूज कर रहे हैं, वो बिल्कुल नए और एक्चूअल होना चाहिए। नंबर गेम एग्जामिनर को प्रभावित करते हैं। मैंने डाईग्राम के साथ फ्लोचार्ट भी बनाए। प्रजेंटेशन के तरीके को बेहतर बनाया।
ऐसे में कटेंट बैलेंस रखें :-:
अभिषेक ने बताया कि पिछले दोनों एग्जाम में मुझे ऐसे पेपर में कम मार्क्स मिले थे। मैंने अपने आईपीएस दोस्त शुधांशु जैन की मदद ली। ऐसे में कटेंट बैलेंस होना चाहिए। दोनों पक्षों की बात आना चाहिए। मैंने लिख-लिखकर प्रैक्टिस की। इस बार भी प्रजेंटेशन पर फोकस किया। हर बार नया पढ़ने की बजाए आपने जो पढ़ा है उसे स्ट्रॉन्ग बनाएं। उसमें क्या नयापन ला सकते हैं, इस पर फोकस करें। आपकी सब्जेक्ट में जितनी गहरी पकड़ होगी, उतने बेहतर मार्क्स मिलेंगे।
Updated on:
05 Aug 2020 01:09 pm
Published on:
05 Aug 2020 06:00 am
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