- हमीदिया अस्पताल की ओपीडी में हर दिन ऐसे 10 से 12 मरीज पहुंच रहे
भोपाल। लंबे समय तक मोबाइल देखने के कारण बढ़े स्क्रीन टाइम की वजह से ड्राय आइ के मरीज दोगुने हो गए हैं। हमीदिया अस्पताल की ओपीडी में हर दिन ऐसे 10 से 12 मरीज पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक पहले 45 पार उम्र के लोगों को ये समस्या होती थी लेकिन मोबाइल-कंप्यूटर के कारण अब 18 की उम्र से ही इससे जूझ रहे हैं। साथ ही आमतौर पर पेरीमेनिपॉज की अवस्था में पहुंची महिलाएं और डायबिटिक लोग ही इसका शिकार होते थे। लेकिन अब अचानक बढ़े डिजिटलाइजेशन के कारण यंग स्टूडेंट्स इसमें शामिल हैं।
ऐसे करें बचाव
-कम्प्यूटर स्क्रीन को आंखों के लेवल से थोड़ा नीचे रखें। इससे आंखे झुकी रहती हैं।
-ए.सी, पंखे, कूलर की सीधी हवा के सामने न बैठें
-स्क्रीन पर काम करते समय 20 मिनट के बाद 20 सेकंड के लिए स्क्रीन से दूर फोकस करें
-हल्के गर्म कपड़े से पलकों की हल्की सी मालिश करें
-हर दिन सुबह 5 मिनट आंखों की एक्सरसाइज करें
पलकें कम झपकना भी एक कारण
रिसर्च के मुताबिक स्क्रीन में लगातार देखने पर आंखें 66 फीसदी कम झपकती हैं। जिससे नेचुरल नमी कम हो जाती है। आंसू जल्दी सूख जाते हैं और सूखापन महसूस होता है। ये टियर फिल्म में गड़बड़ी होने के कारण होता है।
डॉ. अदिति दुबे, एसोसिएट प्रोफेसर, गांधी मेडिकल कॉलेज का कहना है कि कोविड के बाद से ड्राय आइ के पेशेंट दोगुने हो गए हैं, बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं, इसे अनदेखा न करें। कुछ सावधानियां बरतने के साथ सही समय पर इलाज से इससे बचा जा सकता है।