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घर भर की गुलाबजामुन अकेले चट कर जाते हैं विवेक, मां ने बताईं ब्रांज मेडलिस्ट बेटे की खास आदतें

इंडियन हॉकी टीम Indian Hockey Team के सदस्य विवेक सागर Vivek Sagar मां और बहन के हैं लाड़ले  

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Vivek Sagar Vivek Sagar Prasad Indian Hockey Team

Vivek Sagar Vivek Sagar Prasad Indian Hockey Team

भोपाल. टोक्यो ओलंपिक में ब्रांज मेडल जीतनेवाली भारतीय हॉकी टीम Indian Hockey Team के खिलाड़ी विवेक सागर Vivek Sagar गुरुवार को भोपाल आए। सुबह एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया। बाद में मिंटो हाल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उन्हें सम्मानित किया। सीएम ने उन्हें मध्यप्रदेश पुलिस में डीएसपी बनाने का भी एलान किया।

कार्यक्रम में शामिल होने विवेक के पिता रोहित प्रसाद, मां कमला प्रसाद, बहन पूजा और भाई विद्यासागर भी भोपाल आए थे। समारोह में अपने बेटे का इतना सम्मान होते देख माता—पिता भावुक हो गए। खासतौर पर मां कमला देवी के तो कार्यक्रम के दौरान कई बार आंसू छलक पडे थे। वे बार—बार अपने आंसू पोंछते नजर आईं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान Shivraj Singh Chauhan ने अपने संबोधन में भी यह बात कही।

सीएम ने कहा— विवेक सागर Vivek Sagar ने मध्यप्रदेश की हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया। मैंने आज उनकी माता की आँखों में बार-बार आँसू देखे। आज मैं उनको प्रणाम करता हूँ। विवेक की हसरत थी कि उनकी माताजी के लिए मकान बने। आज मैं विवेक की माताजी से कहना चाहता हूं कि आप जहाँ भी बोलेंगी, आपको मध्यप्रदेश सरकार वहाँ मकान उपलब्ध कराएगी! हमें ऐसी माताओं की भावना का सम्मान करना होगा।

विवेक सागर अपनी मां के बहुत करीब हैं। सामान्य परिवार के विवेक सागर एक छोटे से गांव में रहते हैं। ऐसे में ओलंपिक तक के सफर के अथक संघर्ष में मां ने हमेशा साथ दिया। यही कारण है कि पदक जीतने के बाद सबसे पहले उन्होंने अपनी मां के लिए एक आलीशान मकान बनाने की बात कही। विवेक ने कहा था कि मेरा घर टीन का है जहां मां—पापा—भाई—बहन रह रहे हैं। जल्द ही एक भव्य मकान बनवाकर मां को भेंट करूंगा।

मां का इस लाड़ले पर अब पूरा देश गर्व कर रहा है। ऐसे में मां कमला देवी की तो मानो हर मुराद पूरी हो चुकी है। बेटे की इस उपलब्धि पर वे प्रफुल्लित हैं। वे बताती हैं कि हॉकी खेलने के अलावा विवेक की कोई खास आदत नहीं है। हां खाने में उसे गुलाबजामुन जरूर बहुत पंसद है। घर में जब भी गुलाबजामुन बनती है, उसे छिपाकर रखना पड़ता है क्योंकि घर भर की गुलाबजामुन वही चट कर जाता है।