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मौसम में उतार-चढ़ाव कर रहा है बीमार, 15 फीसदी बढ़ गए वायरल के मरीज

अमूमन एक सप्ताह में ठीक होने वाली सर्दी-खांसी, दो से ढाई हफ्ते चल रही

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मौसम में उतार-चढ़ाव कर रहा है बीमार, 15 फीसदी बढ़ गए वायरल के मरीज

मौसम में उतार-चढ़ाव कर रहा है बीमार, 15 फीसदी बढ़ गए वायरल के मरीज

भोपाल. मौसम में उतार-चढ़ाव 5 में से 2 लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। यही कारण है कि हर दफ्तर, क्लास समेत अन्य स्थान पर सर्दी, खांसी व बुखार के मरीज देखे जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों की मेडिसिन ओपीडी में आए कुल मरीजों में सबसे ज्यादा मौसमी बीमारी के मरीज देखे जा रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार बीते साल से खांसी के संबंध में एक नया ट्रेंड लगातार बना हुआ है। पहले खांसी की समस्या एक सप्ताह में ठीक हो जाती थी। अब लोगों में दो से ढाई सप्ताह तक यह शिकायत देखी जा रही है।
कूलर और एसी चलाने से पहले जरूर कराएं सर्विसिंग
जेपी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. शाहवर खान के अनुसार ओपीडी में सर्दी खांसी व बुखार के 15 फीसदी मरीज बढ़े हैं। इसमें एक अच्छी बात यह है कि मरीज को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही। लेकिन अब गर्मी आ रही है ऐसे में घरों में कूलर और एसी चलाए जाएंगे। यदि इनकी अच्छे से सर्विसिंग व साफ सफाई ना हो तो यह गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। दरअसल, लंबे समय से बंद पड़े कूलर व एसी में वायरस और बैक्टीरिया के बीच की प्रजाति लिजिओनेला न्यूमोनिया पाई जाती है। जो गंभीर निमोनिया का कारण बनती है। यह एड्स रोगियों, प्रत्यारोपण रोगियों और कीमोथेरेपी वाले मरीजों के लिए घातक हो सकता है।
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता है कारण
पं. खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उमेश शुक्ला के अनुसार अनुचित खान-पान, जीवन शैली, बदलते मौसम में लापरवाही, एलर्जी हिस्ट्री अथवा कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के कारण लोग मौसमी बीमारी की चपेट में आ रहे हैं।
दिन में एक बार भाप लें तो मिलेगी राहत
जीएमसी के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अनिल सेजवार के अनुसार इस समय सावधानी ही सबसे बेहतर उपाय है। इसके लिए जब तक मौसम में बदलाव हो रहा है और वातावरण में पोलन ग्रेन मौजूद हैं तब तक घरों से बाहर मास्क का प्रयोग करें। इसके साथ ही दिन में एक बार सुबह या रात में सादे पानी की स्टीम लें। यह बीमारी के इलाज और बचाव दोनों में कारगर है। इसके अलावा पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।
इन लक्षणों के साथ अस्पताल आ रहे मरीज
- लंबी खांसी और कफ
- गले में खराश
- थकान व शरीर में दर्द
- नाक बंद रहना
- हल्का बुखार
- उल्टी व दस्त