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अब बच्‍चों के स्‍कूल बैग का वजन होगा कम, सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

MP School Students Will Get Relief : अक्सर स्कूल बैग के वजन बढ़ जाने के कारण बच्चों के कंधो और कमर में दर्द की शिकायत रहती है। बच्चों को राहत देते हुए लोक शिक्षण संचालनालय विभाग द्वारा ने आदेश जारी किए थे।

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आजकल स्कूलों में बच्चों के बैग पर ज्यादा वजन डाल दिया जाता है। बच्चों को बैग के अधिक वजन के चलते कमर में दर्द और कंधे में दर्द की शिकायत रहती है। जिसको लेकर माता-पिता भी परेशान थे, लेकिन अब इससे राहत देने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल बैग पॉलिसी का आदेश जारी कर दिया है।

लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा निर्धारित बैग का वजन
पहली कक्षा- 1.6-2.2 किलो.
दूसरी कक्षा- 1.6-2.2 किलो.
तीसरी कक्षा- 1.7-2.5 किलो.
चौथी कक्षा- 1.7-2.5 किलो.
पांचवीं कक्षा- 1.7-2.5 किलो.
छठवीं कक्षा- 2-3 किलो.
सातवीं कक्षा- 2-3 किलो.
आठवीं कक्षा- 2.5-4.0 किलो.
नौवीं कक्षा- 2.5-4.5 किलो.
दसवीं कक्षा- 2.5-4.5 किलो.

वहीं विभाग द्वारा कक्षा 11वीं और 12 वीं क्लास के बैग के वजन की सीमा स्कूल तय करेंगे। इस पॉलिसी को सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में चस्पा किया जाएगा। हफ्ते में एक दिन बच्चों को बिना बैग के स्कूल के जाना होगा। निर्देशों का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाने की बात कही गई है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को औचक निरीक्षण का भी निर्देश दिया गया है।

सरकार इससे पहले भी आदेश दे चुकी है। लेकिन प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के वजन से ज्यादा वजन बैग का होता है। पहली कलास और दूसरी क्लास के बच्चों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित वजन एक किलो से लेकर 2.5 किलो तक है, लेकिन उनपर 15 से 20 किलो का वजन डाल दिया जाता है। जिसके चलते बच्चों के शरीर पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से अक्सर बच्चों को कंधे और कमर दर्द की शिकायत रहती है। इन सब कारणों से माता-पिता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।