scriptजांघ से दिल में पहुंचा दी डिवाइस, एम्स के डॉक्टर्स ने दिखाया कमाल, बचाई बच्ची की जान | What is device closure technique Bhopal AIIMS open heart surgery | Patrika News
भोपाल

जांघ से दिल में पहुंचा दी डिवाइस, एम्स के डॉक्टर्स ने दिखाया कमाल, बचाई बच्ची की जान

भोपाल में 10 साल की बच्ची के दिल का बिना चीरा लगाए सफल ऑपरेशन किया गया। भोपाल एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट और डॉक्टर्स की एक टीम ने यह कारनामा कर दिखाया। बच्ची का वजन लगातार घट रहा था और उसे सांस लेने में बहुत परेशानी हो रही थी। जांच में पता चला कि बच्ची के दिल में छेद है तब डॉक्टर्स ने ट्यूब से पैर के रास्ते उसके दिल तक डिवाइस पहुंचाकर उसकी जान बचा ली।

भोपालJan 26, 2024 / 09:43 am

deepak deewan

sarjari.png

भोपाल एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट और डॉक्टर्स की एक टीम ने यह कारनामा कर दिखाया।

भोपाल में 10 साल की बच्ची के दिल का बिना चीरा लगाए सफल ऑपरेशन किया गया। भोपाल एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट और डॉक्टर्स की एक टीम ने यह कारनामा कर दिखाया। बच्ची का वजन लगातार घट रहा था और उसे सांस लेने में बहुत परेशानी हो रही थी। जांच में पता चला कि बच्ची के दिल में छेद है तब डॉक्टर्स ने ट्यूब से पैर के रास्ते उसके दिल तक डिवाइस पहुंचाकर उसकी जान बचा ली।

यह भी पढ़ेंः बदल रही है शनि की चाल, जानेे किन राशियों पर कृपा से धन आगमन की दिक्कत होगी दूर

एम्स में जांच के बाद बच्ची के दिल में छेद होने की पुष्टि हुई थी। मेडिकल साइंस में इसे ओस्टियम सेकुंडम एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट ओएसएएसडी कहते हैं। इस समस्या में पहले ओपन हार्ट सर्जरी ही विकल्प था। अब बच्ची के मामले में आधुनिक डिवाइस क्लोजर तकनीक को अपनाया गया। इसमें पैर के रास्ते एक छोटी सी डिवाइस छेद तक पहुंचाई जाती है।

यह भी पढ़ेंः क्यों पड़ी नई मूर्ति की जरूरत, कहां रखेंगे रामलला की पुरानी प्रतिमा, जानें बड़ा अपडेट

एंजियोग्राफी की तरह होती है यह प्रक्रिया
इस प्रक्रिया में सबसे पहले मरीज को लोकल एनेस्थीसिया दिया गया। इसके बाद रोगी की जांघ के पास से कैथेटर और तार डालकर समस्या की पूरी पड़ताल की गई। इसी ट्यूब के जरिए डिवाइस को उस स्थान तक पहुंचाया जहां छेद था। इसके बाद डिवाइस ने खुद ऊपरी और नीचे दोनों तरफ के हिस्से को फैलाना शुरू किया। इससे छेद पूरी तरह से बंद हो गया। एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. किसलय श्रीवास्तव ने बताया कि डिवाइस सही जगह इंप्लांट हो गई है। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। बता दें, एम्स में पहली बार यह प्रक्रिया की गई।

यह भी पढ़ेंः समुद्र में 300 फीट की गहराई में है श्री कृष्ण की द्वारिका

दिल का छेद गंभीर समस्या
दिल के छेद यानी ओएसएएसडी एक गंभीर समस्या है। जिससे दोनों तरफ से रक्त का मिश्रण होता है। इससे ब्लड सही तरह से साफ नहीं होता है। साथ साथ हृदय की कार्य क्षमता भी कम हो जाती है। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. भूषण शाह. डॉ. मधुर जैन, डॉ. किसलय श्रीवास्तव के साथ एनेस्थीसिया के डॉ. वैशाली वेंडेस्कर, डॉ. हरीश कुमार और डॉ. सीमा, डॉ आशिमा ने यह सफल इलाज किया।

यह भी पढ़ेंः बिना लोहे के बना राम मंदिर फिर भी एक हजार साल तक मरम्मत की जरूरत नहीं, कैसे होगा ये चमत्कार…

दिल में छेद का कारण
– जन्मजात विकृति
– गर्भवती को रुबैला खसरा होना
– कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव
– गर्भवती महिला द्वारा शराब व धूम्रपान का सेवन

यह भी पढ़ेंः उठाएं कार-बाइक और पहुंच जाएं यहां, घने जंगल में नाइट सफारी के साथ टेंट में रूकने का भी लुत्फ

https://youtu.be/x48JWdNwliQ

Hindi News/ Bhopal / जांघ से दिल में पहुंचा दी डिवाइस, एम्स के डॉक्टर्स ने दिखाया कमाल, बचाई बच्ची की जान

ट्रेंडिंग वीडियो