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कौन हटाएगा बीआरटीएस! नर्मदापुरम रोड नेशनल हाइवे व बैरागढ़ पीडब्ल्यूडी के जिम्मे

आसान नहीं हटाना: नगर निगम ने 15 साल के अनुबंध पर दिए हुए हैं 82 बस स्टॉप, कॉरीडोर के बीच यूनिपोल भी लगे हुए

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भोपाल. बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम बीआरटीएस को हटाना शासन के निर्देश के बावजूद आसान नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हटाने के साथ ही इसके नए स्वरूप में संचालन में कई चुनौतियां है। फिलहाल यही तय नहीं है कि इसे हटाने की योजना व काम नगर निगम करेगा, पीडब्ल्यूडी या फिर नेशनल हाइवे। नर्मदापुरम रोड का हिस्सा नेशनल हाइवे के पास चला गया है तो बैरागढ़ वाला हिस्सा पीडब्ल्यूडी के पास है। शहर के बीच में भी ऐसी ही स्थिति है। सड़क को उनकी मूल एजेंसी को देना होगा। इसके लिए बुधवार को नगर निगम में बैठक भी हुई। इसमें सिर्फ बीआरटीएस से जुड़ी जानकारियां एकत्रित की गई ताकि शासन के सामने इसे लेकर मौजूदा रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सके। हटाने वाली एजेंसी तय होगी तभी स्पष्ट होगा कि हटाने का स्वरूप क्या होगा? गौरतलब है कि मिसरोद से बैरागढ़ तक 22 किमी का बीआरटीएस कॉरीडोर है और इसमें 13 किमी में रैलिंग है।

सवाल ये भी... क्या साढ़े तीन मीटर की रोड जाम रोक पाएगी

बीआरटीएस को दो लेन में बांटा जाता है तो बीच में डिवाइडर लगाने पर एक लेन 10.50 मीटर की होगी। डिवाइडर की जगह तीन मीटर की सेंट्रल वर्ज बनती है तो फिर एक लेन पौने नौ मीटर की बनेगी। यानि एक तरफ महज पौने दो मीटर की अतिरिक्त जगह मिलेगी। एक्सपर्ट्स बीआरटीएस हटाने को जरूरी तो बता रहे हैं, लेकिन सवाल कर रहे हैं क्या जाम से राहत के लिए ये काफी होगा। दो तरफ मिक्सेलन व डेडिकेटेड लेन मिलाकर 21 मीटर की रोड है। बाकी यूटिलिटी डक्ट सर्विस लेन है। अभी पूरा फोकस 21 मीटर की रोड पर सात मीटर की डेडिकेटेड लेन को मिक्सलेन में मिलाने पर है।

ये प्रोजेक्ट फेल ही है। इसे तोड़ना ही उचित है। किनारे पर बस स्टॉप व बीच में डिवाइडर- वर्ज बनाकर वाहनों को दो भाग में बांट दें। लेकिन चुनौतियां काफी है। इसके बाद भी कई दिक्कतें है। इन्हें दूर करने की अच्छी प्लानिंग करना होगी। बीआरटीएस प्रोजेक्ट अच्छा है, लेकिन सिर्फ एक लेन बनाकर रहने दिया इसलिए दिक्कत बनी। कई देशों में ये सफलतापूर्वक चल रहा है। अहमदाबाद में ही काम कर रहा है। ये लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए है।

वीपी कुलश्रेष्ठ, रिटायर्ड संयुक्त संचालक टीएंडसीपी

हमने इंजीनियर्स को इसे हटाने के लिए सर्वे कर बेहतर प्रस्ताव बनाने का कहा था। कुछ प्रस्ताव बने हैं। अभी शासन के निर्देशानुसार बेहतर प्रस्ताव के साथ काम शुरू करेंगे।

फ्रैंक नोबल, निगमायुक्त