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यह मौसम का संक्रमण काल, बार-बार बदल रहा हवा का रूख, इससे बढ़ रहा बीमारियों का खतरा

यह मौसम का संक्रमण काल, बार-बार बदल रहा हवा का रूख, इससे बढ़ रहा बीमारियों का खतरा

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corona virus


भोपाल. शहर में इन दिनों मौसम का मिजाज बार-बार बदल रहा है। अधिकतम तापमान में लगातार परिवर्तन हो रहा है, इसके कारण कभी सर्दी तो कभी गर्मी का अहसास हो रहा है। दरअसल इस समय हवा भी बार-बार परिवर्तित हो रहा है। कभी हवा का रूख उत्तरी तो कभी दक्षिण, पूर्वी हो रहा है। रात में ठंड और दिन में गर्मी के अलावा निर्माण कार्य के चलते धूल व वायु प्रदूशण के कारण गले में खराश, जुकाम-खांसी, बदन दर्द और बुखार, अस्थमा अटैक जैसे मामले बढ़ रहे हैं। जेपी अस्पताल, हमीदिया अस्पताल, खुशिलाल आर्युवेदिक चिकित्सालय व होम्योपैथिक चिकित्सालय में इसक तरह के मरीजों में 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी गई है। इसी को लेकर अलग अलग पैथी के डोक्टरों से जाना कि कैसे खुद को स्वास्थ रखा जा सकता है।

अदरक, सोंठ व तुलसी की पत्तियों दूध में मिला कर पीना लाभकारी
वायरल होने पर सूखी अदरक, सोंठ व तुलसी की पत्तियों दूध में मिला कर दिन में दो बार पी सकते हैं। तुल्सी के एंटीबायोटिक गुणों से वायरल फीवर को रोकने में मदद मिलती है। वहीं अदरक सर्दी-जुकाम को दूर करने में सहायक होता है। दर्द में सोंठ बेहद लाभकारी होता है। इसके अलावा दिन में दो से तीन बार गर्म पानी से भाप लेने से भी ये लक्षण दूर हो सकते हैं। वहीं समास्या ज्यादा परेशान कर रही है तो चिकित्सक का परामर्श जरूर लेना चाहिए।
-डॉ. उमेश शुक्ला, प्राचार्य, पं. खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज

जेलसीमियम, आर्सेनिक एल्बम-30 जैसी हौम्योपैथिक दवाएं बेहद असरदार
हौम्योपैथिक इलाज से मरीज वायरल से दो से तीन दिन में स्वास्थ्य हो रहे हैं। मगर इसे खाने का प्रॉपर समय और निमय होता है। यदि दवाओं के सेवन में लापरवाही बरतते हैं तो पॉजिटिव असर नहीं पड़ेगा। हौम्योपैथिक दवाएं जैसे जेलसीमियम, आर्सेनिक एल्बम-30 जैसी कई असरदार दवाएं हैं, जिनके जरिए मरीजों को दो से तीन दिन में ही मौसमी बीमारियों से पूर्ण आराम मिल रहा है। रात को ठंड अधिक होती है, इसलिए मोटे कपड़े पहनें।
-डॉ सुनीता तोमर, अधीक्षक, शासकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय

बुखार होने पर पैरासिटामोल ही लें, डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी
वर्तमान में दमा मरीज बदलते मौसम में सतर्क रहें। इसके अलावा ज्यादा बुखार होने पर पैरासिटामोल ही लें। साथ ही डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। तापमान में अंतर और लगातार प्रदूषण के चलते यह संक्रमण काल है। इसके कारण गले में खराश, जुकाम-खांसी, बदन दर्द और बुखार, अस्थमा अटैक जैसे मामले बढ़ जाते हैं। खुद से दवा न लेने से समास्या बढ़ सकती है।
-डॉ योगेंद्र श्रीवास्तव, मेडिसिन विशेषज्ञ, जेपी अस्पताल

फिर लगभग तीन डिग्री बढ़ गया अधिकतम तापमान
गुरुवार को भी दिन में दक्षिण पूर्वी हवा चली तो शहर के अधिकतम तापमान में लगभग तीन डिग्री की बढ़ोतरी हो गई। शहर में इस समय मौसम शुष्क बना हुआ है। दिन में तीखी धूप खिल रही है, इसके कारण दिन में तो सर्दी फिलहाल नहीं है, लेकिन सुबह और रात्रि में मौसम का मिजाज ठंडा बना हुआ है। गुरुवार को भी शहर में तेज धूप रही। शहर का अधिकतम तापमान 29.8 और न्यूनतम 11.4 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि बुधवार को अधिकतम तापमान 26.9 और न्यूनतम 11 डिग्री दर्ज किया गया था।

तापमान में जारी रहेगा उतार चढ़ाव
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला का कहना है कि इस समय बार-बार तापमान में परिवर्तन का कारण पश्चिमी विक्षोभ है। जब पश्चिमी विक्षोभ आता है तो तापमान बढ़ जाता है और उसके गुजरने के बाद तापमान में कमी आती है, साथ ही हवा भी कभी उत्तरी तो कभी दक्षिण पूर्वी हो रही है। अगले दो दिन भी तापमान में बढ़ोतरी होगी, इसके बाद हल्की गिरावट आएगी। इस पूरे माह इसी तरह की स्थिति रहेगी। सूर्य उत्तरायण होने के बाद हमारी ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए अब आगे तापमान में बहुत ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं रहेगी। दिन के तापमान में बढ़ोतरी होगी, साथ ही रात के तापमान भी बढ़ेंगे।

लोग महसूस कर रहे यह समस्याएं
-नाक में जलन व झुखाम होना
-गले में जलन व सूखापन होना
-10 से 15 दिन तक खांसी आना
-बदन व पेट में दर्द होना
-आंखो से पानी निकलना
-दो से तीन दिन तक सर्दी देकर बुखार आना
-अस्थमा अटैक

बॉक्स
तापमान के आकड़े डिग्री सेल्सियस में
तारीख -- अधिकतम -- न्यूनतम
5 फरवरी -- 28.5 -- 10.5
6 फरवरी -- 31.2 -- 12.2
7 फरवरी -- 27 -- 13
8 फरवरी -- 26.9 -- 11
9 फरवरी -- 29.8 -- 11.4