2025 तक 45,200 महिलाएं होंगी कैंसर से पीड़ित
दरअसल रिपोर्ट ये भी बताती है कि भोपाल में 2025 में कैंसर से सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित होंगी। इनकी संख्या 45,200 हो जाएगी। वहीं पुरुषों की संख्या 43 हजार का आंकड़ा पार कर जाएगी।
– नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की आखिरी रिपोर्ट के अनुसार, मप्र के 1000 पुरुषों में 1 फीसदी और 0.7 फीसदी महिलाएं ही ओरल टेस्ट करवाती हैं।
– 13 से 19 साल के किशोरों में 5 फीसदी किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।
– मप्र में करीब 75 हजार कैंसर रोगी हैं। 2025 तक संख्या 89 हजार हो सकती है।
– भोपाल में 2025 तक 45,200 महिला और 43 हजार पुरुषों को कैंसर की आशंका है।
– महिलाओं में बढ़े कैंसर के ये मामले
1. – ब्रेस्ट कैंसर- इसमें भोपाल देश में 8वें नंबर पर है। यहां प्रति लाख महिलाओं में 33.9 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित हैं। यह 2.3 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं।
2. सर्वाइकल कैंसर – भोपाल में दूसरा सबसे बड़ा कैंसर सर्वाइकल कैंसर है। इस कैंसर के मामले में भोपाल 15वें नंबर पर है।
3. ओवेरियन कैंसर – 30-65 वर्ष की उम्र की महिलओं में इस कैंसर का खतरा ज्यादा है। भोपाल में प्रति एक लाख में 7.9 महिलाएं इस कैंसर से पीड़ित हैं। इस कैंसर की दर 1.8 फीसदी की दर से बढ़ रही है।
भोपाल में पुरुषों की स्थिति
1. लंग्स कैंसर- प्रति एक लाख लोगों में से 12.1 लाख लोगों में से 12.1 लोग कैंसर पीड़ित हैं।
2. जीभ के कैंसर- एक लाख लोगों में से 8.8 लोगों को यही कैंसर है। इस कैंसर के मामले में भोपाल 7वें नंबर पर है। वह 0.1 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।
3. प्रोस्टेट कैंसर – प्रोस्टेट कैंसर के मामले भोपाल में एक लाख पुरुष में से 5.2 लोग पीडि़त हैं। यह कैंसर यहां 1.5 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।
बच्चों में होने वाले कैंसर
1. ल्यूकेमिया कैंसर – राजधानी भोपाल में एक लाख आबादी में 0.14 बच्चे भोपाल पीडि़त हैं।
2. ब्लड कैंसर (बोनमेरो) – एक लाख में 2.9 बच्चे ब्लड कैंसर का दर्द झेल रहे हैं।
3. लिम्फोमा कैंसर – एक लाख में 1.7 बच्चों में लिम्फोमा कैंसर के मामले सामने आए हैं।
बीमारी के मुताबिक नहीं हैं सुविधाएं
भोपाल में ये स्थिति
राजधानी भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज में जांच, इलाज की व्यवस्था नहीं है। यहां रखा 5 करोड़ का गामा कैमरा बंद पड़ा है। हमीदिया में कैंसर के इलाज के लिए दो बंकर बनेंगे। इसके लिए एटोमिक रेग्युलेटरी बोर्ड (एआरबी) से मंजूरी मिलने पर निर्माण प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
इंदौर में ये स्थिति
सुपर स्पेशियलिटी विंग के साथ टीसीसी बनाया जाता है। लीनियर एक्सीलरेटर के लिए बंकर तैयार किए जा रहे हैं।
ग्वालियर में ये स्थिति
टर्शरी कैंसर इंस्टीट्यूट तैयार किया जाना है। 5 साल पहले मंजूरी मिली थी। अब तक पूरा निर्माण नहीं।
जबलपुर में ये स्थिति
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 270 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं। अब तक यहां सिविल वर्क ही चल रहा है।
हमीदिया में बनेंगे दो बंकर, लगेंगे दो साल
लीनियर एक्सीलेटर मशीनों की सुविधा भी जल्द मरीजों को मिलने लगेगी। नई सुविधा शुरू होने से समय लगता है है। व्यवस्थाओं में लगातार सुधार हो रहा है। बंकर के लिए जगह का चयन हो गया है। जल्द ही काम शुरू होगा।
– डॉ. आशीष गोहिया, अधीक्षक, हमीदिया अस्पताल
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