10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चिंताजनक तस्वीर: प्रदेश में एक साल में मादक तस्करी का बढ़ा ग्राफ

- हर नशे के लिए अलग- अलग रूट इस्तेमाल कर रहें तस्कर - अफीम, स्मैक, कैमिकल ड्रग के प्रदेश में बने कई अड्डे

2 min read
Google source verification
mp_drug.jpg

प्रदेश में मादक तस्करी के मामले साल दर साल बढ़ रहे हैं। साल 2023 में नवंबर माह तक 3464 प्रकरण दर्ज किए गए हैं जिसमें 4423 तस्करों को पकड़ा गया है। लेकिन इस बार अफीम, डोडाचूरा और कैमिकल ड्रग के तस्करी के मामले बढ़े हैं। इस साल प्रदेशभर से 260 किलो अफीम पकड़ी गई है। जबकि डोडाचूरा 41753 किग्रा पकड़ा गया है। वहीं स्मैक का नशा भी बढ़ा है। दरअसल जानकारों ने बताया कि बड़े शहरों में ऐसे नशों का प्रचलन पिछले 3 सालों में तेजी से बढ़ा है। खासतौर पर कॉलेजी बच्चे इसकी ज्यादा चपेट में है।

नशे के साथ रूट बदल रहें तस्कर

दरअसल प्रदेश में होने वाली तस्करी नशे के साथ बदल जाती है। जैसे मप्र में गांजा तस्करी का सबसे हॉट रूप उड़ीसा है। तो चरस नेपाल के रास्ते मप्र लाई जाती है। ऐसे ही कैमिकल ड्रग प्रमुख रूप से यूपी से सप्लाई किया जाता है। और सबसे हैरानी की बात ये है कि तस्करों ने प्रदेश में मादक मदार्थ खपाने के लिए कई अड्डे बना रखे हैं। जहां से नशे की सामग्री छोटे- छोटे जगहों पर खपाई जाती है।

तस्करों का सॉफ्ट टारगेट स्टूडेंट

तस्करों का सबसे सॉफ्ट टारगेट स्टूडेंट हैं जिन्हें पहले नशे की चल लगाई जाती है और उसके बाद उन्हें ही पेडलर बनाकर इस गंदगी में ढकेल दिया जाता है। दरअसल ये बात तब और पुख्ता हुई जब हालही में राजधानी भोपाल से 12.50 करोड़ रूपए की चरस पकड़ी गई। जिसमें तस्करों से पुलिस पुछताछ में इसे बताया है।


साल 2023

नशा-- प्रकरण-- मात्रा-- आरोपी

अफीम-- 80–260--108

डोडाचूरा--218--41753--309

चरस/हसीस -- —21–123--27

कैमिकल ड्रग—273–253441--458

स्मैक—411–31–594

लगातार चलाया जा रहा अभियान

इस साल स्मैक, ड्रक्स और डोडा चूरा के प्रकरण सर्वाधिक दर्ज किए हैं। लगातार प्रदेश में मादक पदार्थों की आपूर्ति में कमी लाने के लिए अभियान चलाकर प्रकरण पंजीबद्ध किए जा रहे हैं। साथ ही तस्करों के नेटवर्क को भी अभियान चलकार ध्वस्त किया जाएगा।
अमित सिंह, डीआईजी, नारकोटिक्स