
bhopal bypass widening
MP News: राजधानी भोपाल के रत्नागिरी से आशाराम तिराहा तक करीब 16 किमी के बाइपास में प्रवेश के लिए किनारे की कॉलोनियों, कॉम्प्लेक्स समेत अन्य निर्माण करने वालों को एक्सेस शुल्क देना होगा। ये नेशनल हाइवे 46 है और तय नियमों में इसके लिए प्रावधान है। एक्सेस शुल्क करीब छह लाख रुपए प्रति निर्माण बनेगा। एनएचएआइ इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर रही है। अब बाइपास के सिक्सलेन करने की प्रक्रिया शुरू हुई है और यहां सिक्सलेन के साथ ही एनएच के एक्सेस शुल्क के नियम के अनुसार शुल्क लेना शुरू किया जाएगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि एनएच किनारे किसी भी कॉलोनी-कॉम्प्लेक्स या निर्माण से नेशनल हाइवे पर सीधी एंट्री से दुर्घटना की स्थिति न बने।
बाइपास(Bhopal Bypass Widening) किनारे जो भी कॉलोनी- कॉम्प्लेक्स है, उन्हें मौजूदा बाइपास के सेंटर से किनारे की ओर 33 मीटर बाद से अपनी कॉलोनी- कॉम्प्लेक्स के फ्रंट एमओएस तक सर्विस रोड बनानी होगी। इसकी डिजाइन मंजूर करानी होगी, ताकि कॉलोनी- कॉम्प्लेक्स से कोई भी वाहन सीधे एनएच में एंट्री की बजाय इस तरह एंट्री करें, जिससे वह रनिंग ट्रैफिक से मिलकर आगे बढ़ जाएं।
रत्नागिरी से बायपास तक अभी कम ही ने एक्सेस की प्रक्रिया की है, लेकिन अब ये जरूरी होगा। सिक्सलेन एनएच किनारे जिनकी भी सीधी एंट्री है वे खत्म होगी। किनारे की कॉलोनी व कॉम्प्लेक्स से जुड़े लोगों ने एक्सेस अनुमति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे दुर्घटना रहित एंट्री सुनिश्चित होगी।
रत्नागिरी से भोपाल बायपास(Bhopal Bypass Widening) तक करीब पांच किमी की लंबाई में किनारे पर कई दुकानें, कॉलोनियां, कॉम्प्लेक्स है। एनएच भोपाल के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके सिंह का कहना है कि यहां रोड किनारे 8000 पेड़ों को काटने के लिए अनुमति की प्रक्रिया शुरू की है। अनुमति मिलने के साथ यहां पेड़ कटाई और फिर दो लेन एनएच व इतनी ही सर्विस लेन के लिए जगह निकालना शुरू की जाएगी। करीब 66 मीटर तक एनएच को चौड़ा किया जाएगा। इसके निर्माण के साथ ही किनारे की कॉलोनियों- कॉम्प्लेक्स पर एक्सेस शुल्क का प्रावधान तय कर शुल्क की वसूली शुरू करेंगे।
Published on:
29 Apr 2025 11:41 am
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