इस प्रकार बैजयन्त पंडा की कथित चिलिका झील के ऊपर उड़ान का मामला दिलचस्प मोड़ पर आ गया है। हालांकि पूरी स्टोरी में झोल है। पुलिस और एयरपोर्ट अथारिटी का बयान परस्पर विरोधी लगता है। बीजू पटनायक इंटरनेश्नल एयरपोर्ट के निदेशक की रिपोर्ट के अनुसार बैजयन्त का चॉपर यानि हेलीकॉप्टर चिलिका झील के ऊपर से नही उड़ा। पर पुलिस इसके ठीक उलट एफआईआर में ऐसा हुआ कहा है। पंडा ने एक ट्वीट में कहा कि हेलीकॉप्टर को केंद्रपाड़ा ले गये थे, पुलिस कहती है कि चिलिका के ऊपर चॉपर उड़ाया गया। पंडा व चिलिका पुलिस के अलग अलग बयान कदाचित भ्रमित करते हैं।
बैजयन्त पंडा और समर्थकों में कल रात से ही ट्वीटवार छिड़ गया है। दोनों के ट्रॉलर्स सक्रिय हो गए हैं और एक दूसरे को बुरा-भुला कहने में जुट गए। और तो और सोशल मीडिया में यह भी बताया जाने लगा है कि पंडा ने सतकोसिया, भितरकनिका, सिमलीपाल सरीखे नो फ्लाई जोन में कब कब चॉपर उड़ाया। पांडा ने तो सीधे तृतीय तल (सचिवालय का वह हिस्सा जहां पर नवीन पटनायक बैठकर निर्णय लेते हैं) पर निशाना साधा है।
बताते हैं कि बैजयन्त के साथ चॉपर में बैठने वाले दो और लोग उनके मीडिया के साथी थे। उन्हीं में से एक अभिजीत अय्यर की कोर्णाक पर टिप्पणी को भी बीजद विधायकों ने मुद्दा बनाते हुए पंडा के साथ उनकी भी गिरफ्तारी की मांग की है। अरखाकुडा मैरीन पुलिस थाने में एफआईआर सीडीए के सहायक वन सरंक्षक विनोद आचार्य की ओर से की गयी थी। उन पर 277, 278, 336, 431 आईपीसी व एयरक्राफ्ट एक्ट की धारा 11 लगायी गयी।