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बिजनौर की चाट बनी जहर की थाली! एक ही गांव में 30 लोग फूड प्वॉयजनिंग के शिकार, 5 बच्चों की हालत नाजुक

Bijnor News: यूपी के बिजनौर में चाट खाने के बाद करीब 30 लोग फूड प्वॉयजनिंग का शिकार हो गए। अधिकांश पीड़ित बच्चे हैं।

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30 people fall victim to food poisoning in Bijnor

बिजनौर की चाट बनी जहर की थाली! Image Source - Social Media

Food Poisoning Bijnor News: यूपी के बिजनौर ज़िले के नजीबाबाद क्षेत्र के गांव कनकपुर कलां में मंगलवार की शाम फूड प्वॉइजनिंग का बड़ा मामला सामने आया है। गांव में खुले में बिक रही चाट खाने के कुछ घंटे बाद ही लगभग तीन दर्जन ग्रामीण अचानक बीमार हो गए, जिनमें अधिकांश संख्या मासूम बच्चों की थी।

उल्टी-दस्त के लक्षण दिखे, गांव में फैली दहशत

शाम के करीब सात बजे गांव के कई लोग चाट खाकर लौटे ही थे कि रात आठ बजे के आसपास उल्टी और दस्त की शिकायतें शुरू हो गईं। शुरुआत में इसे आम बीमारी समझा गया, लेकिन जैसे-जैसे पीड़ितों की संख्या बढ़ती गई, गांव में अफरा-तफरी मच गई।

5 बच्चों की हालत गंभीर

बीमार लोगों को तत्काल समीपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की टीम ने उपचार शुरू किया। पांच बच्चों की हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल बिजनौर के लिए रेफर कर दिया गया। बीमार बच्चों की उम्र चार से सात वर्ष के बीच है।

पीड़ितों की लंबी सूची सामने आई

पीड़ितों में मुलफैज, इल्मा, सनूबी, अरहमा, अली, रेशमा, आलिया, अलीना, नगमा, समरीन, अफीफा, यासमीन और नरगिस जैसे कई नाम शामिल हैं। इनके अलावा गांव के अन्य परिवारों में भी उल्टी-दस्त के लक्षण तेजी से फैलते नजर आए।

चाट खाने के कुछ घंटों में बिगड़ी तबीयत

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक व्यक्ति द्वारा चाट बेची जा रही थी, जिसे शाम को कई बच्चों और महिलाओं ने खाया था। खाने के 2-3 घंटे बाद ही पेट दर्द, मतली और दस्त की समस्या शुरू हो गई, जिससे फूड प्वॉयजनिंग की आशंका गहराने लगी।

सीओ व थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे

मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। सीओ नितेश प्रताप सिंह और थाना प्रभारी धीरज सोलंकी अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे और पीड़ितों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने में मदद की।

डॉक्टरों की टीम ने संभाली कमान

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. इंद्राज सिंह, डॉ. नवनीत और डॉ. दिलशाद अहमद ने मोर्चा संभालते हुए सभी मरीजों का इलाज शुरू किया। डॉक्टरों ने बताया कि यह मामला स्पष्ट तौर पर फूड प्वॉयजनिंग का है और सभी मरीजों की निगरानी की जा रही है।

चाट विक्रेता पर कार्रवाई की मांग

फिलहाल गांव में खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थों की जांच शुरू कर दी गई है और फूड सेफ्टी विभाग को भी मौके पर बुलाया गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि खुला और असुरक्षित खाद्य सामग्री बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

अब उठने लगे हैं सवाल

बिजनौर स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इलाज जारी है और हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन अब यह सवाल उठता है कि क्या गांवों में खुले में बिकने वाले खाने की पर्याप्त निगरानी होती है या नहीं?