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प्राइवेट स्कूल की तरह प्राइमरी स्कूल में होना था काम, पहले ही खुल गई पोल

60 प्राइमरी स्कूल को 1 अप्रैल से इंग्लिश मीडियम की तरह चलाये जाने का फैसला प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया था।

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प्राइवेट स्कूल की तरह प्राइमरी स्कूल में होना था काम, पहले ही खुल गई पोल

बिजनौर। उतर प्रदेश सहित जनपद बिजनौर के 60 प्राइमरी स्कूल को 1 अप्रैल से इंग्लिश मीडियम की तरह चलाये जाने का फैसला प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया था। इस फैसले के बाद जिले के शिक्षा विभाग ने जनपद के 60 स्कूलों का चयन कर इसमें इंग्लिश मीडियम के सरकारी प्राइमरी अध्यापकों को पढ़ाने के लिये नियुक्त किया था। जनपद के सभी स्कूल में अध्यापक बच्चों की पढ़ा भी रहे हैं। लेकिन इस योजना के तहत जनपद के 60 प्राइमरी स्कूलों में अभी तक इंग्लिश मीडियम की किताबें बच्चों के पास नही पहुँची है।

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बिजनौर के नगीना रोड पर पड़ने वाले रशीदपुर और भोगी गांव के प्राइमरी स्कूल के बच्चे पुरानी हिंदी के किताबो से इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई कर रहे है। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 1 अप्रैल से निजी स्कूल की तर्ज़ पर सीबीएससी बोर्ड की तर्ज़ पर सरकारी प्राइमरी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई के लिये जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये गए थे।

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इस निर्देश पर बिजनौर बेसिक शिक्षा अधिकारी महेश चंद्र ने जनपद के 60 प्राइमरी स्कूल का चयन कर उसमे इंग्लिश मीडियम के अध्यापकों को चयन कर इन टीचरो को इन स्कूल में भेज दिया था। भोगी प्राइमरी स्कूल में नियुक्त टीचर फारूकी का कहना है कि प्रदेश सरकार की ये योजना बच्चो के भविष्य के लिये काफी लाभकारी है। अभी तक स्कूल में इंग्लिश किताब नहीं आई है। हम बच्चों को पिछले साल की हिंदी किताबों को इंग्लिश में ट्रांसलेट करके पढ़ा रहे हैं।

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बच्चों को जो भी हम पढ़ाते हैं, बच्चा घर मे पहुंचकर उसको किताब न होने के कारण रिविशन नहीं कर पाता है। गुरूवार को स्कूल की हेड टीचर बच्चो की किताब को लेकर जिला मुख्यालय बेसिक शिक्षा के विभाग गई है। किताब न मिलने की बात पर बिजनौर बीएसए महेश चंद्र ने बताया कि विभाग द्वारा किताबो को लेकर शासन को अवगत करा दिया गया है। कुछ ही दिनों में जनपद के सभी इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल को किताब मिल जाएगी।


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