scriptबाढ़ से बिजनौर का हाल हुआ बेहाल, गांव-गांव में घुसा गंगा का पानी | Bijnor District badly effected by flood, people live in difficulties | Patrika News
बिजनोर

बाढ़ से बिजनौर का हाल हुआ बेहाल, गांव-गांव में घुसा गंगा का पानी

पानी में बहकर घरों तक पहुंच रहे हैं जानलेवा सांप

बिजनोरAug 27, 2018 / 05:42 pm

Iftekhar

flood water

बाढ़ से बिजनौर का हाल हुआ बेहाल, गांव-गांव में घुसा गंगा का पानी

बिजनौर. उत्तराखंड के पहाड़ों पर हो रही बारिश के चलते उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है । नदियों का जलस्तर बढ़ जाने की वजह से नदी किनारे बसे गांव को बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है । गांव में पानी भर जाने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है। हालात बद से बदतर न हो जाए, लिहाजा बाढ़ ग्रस्त इलाकों में प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है। गंगा से सटे खादर क्षेत्र में किसानों की फसल भी पानी मे समा गई है। इससे लाखों रुपयों की फसल भी बर्बाद हो गई है। इस बाढ़ से अब लोगों के सामने खाने पीने तक कि समस्या खड़ी हो गई है।

यूपी के इस शहर में बने केरल जैसे हालात, देखते ही देखते तिनके की तरह बह गया सब कुछ

बिजनौर मुख्यालय से महज 35 किलोमीटर दूर नजीबाबाद में मालन नदी का जलस्तर बढ़ जाने से कछियाना गांव को अपनी चपेट में ले लिया है । यहां खेतों में खड़ी किसानों की फसल और कई बीघा भूमि गंगा कटान के चलते नदी में समा गई है । बाढ़ के चलते पशुओं के सामने चारे की समस्या पैदा हो गई है। जो भूख के मारे तड़पने को मजबूर हैं । इस बाढ़ के पानी में बहाकर आए सांप मछली और दूसरे जानवरों से भी ग्रामीणों में भय का माहौल है। स्थानीय प्रशासन की ओर से एसडीएम डॉक्टर पंकज कुमार वर्मा गांव में ही डेरा डाले हुए हैं। जबकि दूसरे अधिकारी दूर से ही गांव को देखकर वापस जा रहे हैं । हालात ये है कि अफसर पानी के चलते अंदर गांव में जाना भी गवारा नहीं समझते हैं। आशीष वर्मा और अन्य गांव वालों का कहना है कि बाढ़ से बचने के लिए कई बार शासन और प्रशासन तक अपनी आवाज को पहुंचाया गया, लेकिन कोई सुनवाई अभी तक नहीं हुई है।

UP के इस जिले में गहराया बाढ़ का संकट, केरल से भी बदतर हुए हालात, पुलिस-प्रशासन के फूले हाथ-पांव

गौरतलब है कि बिजनौर के बढ़ापुर नगीना मार्ग पर पानी आ जाने से अब राहगीरों को सड़क से गुजरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क पार करने को मजबूर हैं। पानी का बहाव सड़क पर इतना तेज है कि कोई भी बड़ा हादसा किसी भी समय हो सकता है। लगातार बढ़ रहे पानी से जनपद बिजनौर के कई जगहों पर बाढ़ के हालात बने हुए हैं। गंगा किनारे बसे ग्रामीण अपना घर और खेती छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हैं। पशुओं के चारे के लिए किसानों को कड़ी मसक्कत करनी पड़ रही है। पशुओं का चारा पानी मे डूबा हुआ है। अगर जल्द ही पहाड़ों पर हो रही बारिश नहीं रुकी तो जनपद के और जगहों पर गंगा अपना कटान शुरू कर देगी।

लोगों की मदद करने के बजाए गंगा नदी से बचाए गए पीड़ित को अस्पताल ले जाने से रोकती रही पुलिस

गौरतलब है कि नाव पलटने से शुक्रवार को गंगा नदी में 27 लोग बह गए थे। हादसे के वक्त नाव में कुल 27 लोग सवार थे, जिनमें से 17 लोगों को बमुश्किल बचा लिया गया। अभी तक 2 महिलाओं की लाश बरामद हुई है। वहीं, 8 लोग अब भी लापता बताये जा रहे है। हालांकि, इस हादसे के बाद प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई है। शनिवार की शाम से एनडीआरएफ की टीम और पीएसी सहित लोकल पुलिस लापता लोगों की तलाश कर रही है। वहीं, रविवार को वायु सेना के हेलिकाप्टर से डीएम और एसपी ने बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया और लापता लोगों की तलाश भी की, लेकिन प्रशासन को कोई सफलता हाथ नहीं लगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो