
बिजनौर में DM का सरकारी आवास कुर्क करने का आदेश | Image Source - Pexels
Bijnor Residence News: मुरादाबाद स्थित न्यायालय भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण (लारा कोर्ट) द्वारा बिजनौर के जिलाधिकारी के सरकारी आवास को कुर्क करने के आदेश ने जिला प्रशासन में खलबली मचा दी है। यह आदेश सिंचाई विभाग से जुड़े एक भूमि अधिग्रहण प्रकरण में लंबे समय से मुआवजे का भुगतान न किए जाने पर पारित किया गया, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
डीएम आवास कुर्की के आदेश के बाद शनिवार को विशेष भूमि अध्यापित अधिकारी (SLO) कार्यालय में पूरे दिन अफरातफरी का माहौल बना रहा। अधिकारी और कर्मचारी लगातार फाइलों के साथ इधर-उधर दौड़ते नजर आए, वहीं मामले को सुलझाने के लिए आनन-फानन में विभागीय स्तर पर मंथन चलता रहा।
यह मामला सिंचाई खंड बिजनौर से जुड़ा है, जिसने ग्राम इब्राहीपुर कुम्हारापुरा निवासी उमेश कुमार की 1.165 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। भूमि अधिग्रहण के एवज में उमेश कुमार को कुल 25 लाख 23 हजार 973 रुपये की मुआवजा राशि मिलनी थी, जो अब तक बकाया चली आ रही है।
वादी उमेश कुमार ने बताया कि 13 मार्च 2020 को न्यायालय द्वारा मुआवजा भुगतान का स्पष्ट आदेश पारित किया गया था। इसके बावजूद जिला प्रशासन और संबंधित विभाग की ओर से कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, जबकि प्रशासनिक स्तर पर भुगतान की क्षमता मौजूद थी।
लगातार प्रयासों के बाद भी जब मुआवजे की राशि नहीं मिली, तो उमेश कुमार ने मुरादाबाद स्थित लारा कोर्ट में निष्पादन वाद दायर किया। वाद में उन्होंने डीएम के सरकारी आवास को कुर्क कराकर बकाया मुआवजा दिलाने की मांग की थी।
सुनवाई के दौरान लारा कोर्ट ने जिला प्रशासन की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। न्यायालय ने कहा कि प्रत्येक निष्पादन वाद का निस्तारण छह माह के भीतर किया जाना चाहिए था, लेकिन इस मामले में वर्षों तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन की निष्क्रियता को गंभीर मानते हुए लारा कोर्ट ने जिलाधिकारी के शासकीय आवास को कुर्क करने का आदेश पारित कर दिया। अब इस पूरे मामले में अगली सुनवाई की तिथि 9 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है, जिस पर आगे की कार्रवाई तय होगी।
Published on:
21 Dec 2025 08:12 am
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