
बिजनौर
बिजनौर। उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लाख दावे करे। लेकिन ये सभी दावे जमीनी हकीकत में फेल होते नज़र आ रहे हैं। बुधवार को बिजनौर जिला महिला अस्पताल में डॉक्टरों ने एक गर्भवती एचआईवी पीड़ित महिला की डिलीवरी करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद गर्भवती महिला और उनके परिजन बिना इलाज के ही महिला को मेरठ अस्पताल ले गए। घण्टों अस्पताल में बैठी रही इस गर्भवती महिला को डॉक्टर देखने तक नहीं आए। पीड़ित महिला को लाने वाले लोगों का आरोप है कि महिला एचआईवी पॉजिटिव है। इसलिए इस महिला को बिना इलाज के यहां से मेरठ रेफर किया जा रहा है।
दरसअल बिजनौर के हल्दौर थाना क्षेत्र के मेहमदाबाद की रहने वाली समीना 9 माह के गर्भ से हैं और वो एचआईवी से पीड़ित हैं। बुधवार को जब वो अपने पति सैय्यद अली के साथ अपनी डिलीवरी के लिए आई तो डॉक्टर ने उनका इलाज कराने से मना कर दिया और उसे कह दिया कि आप मेरठ के मेडिकल कॉलेज में डिलीवरी करा लो। अब पति-पत्नी ये सोचकर परेशान हैं कि मेरठ आने जाने और दवाइयों पर होने वाले खर्च का कैसे इन्तज़ाम करें।
घण्टों तक इस पीड़ित महिला का पति और आशा डॉक्टर से महिला को देखने के लिए कहते रहे लेकिन डॉक्टर ने स्टाफ न होने की बात कहकर महिला को देखना तक गवारा नहीं समझा। पीड़िता को अस्पताल में इलाज न मिलने पर जब मीडिया द्वारा अस्पताल की सीएमएस डॉ आभा वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके यहां अस्पताल में एक ही ओटी है। अगर एड्स पीड़ित महिला का यहां ऑपरेशन हुआ तो ओटी कई दिनों के लिये बंद करनी पड़ेगी।
Updated on:
29 Aug 2018 08:42 pm
Published on:
29 Aug 2018 08:24 pm
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