
...तो इस कारण प्रदेश भर में धरने पर बैठे हुए हैं लेखपाल
बिजनौर। प्रदेश भर में लेखपाल धरने पर बैठे हुए हैं। जिसके चलते तहसीलों में कई तरह के काम नहीं होने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कई जिलों में सरकार लेखपालों को बर्खास्त भी कर चुकी है। हालांकि लेखपाल अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं।
इसी के चलते बिजनौर जनपद की 5 तहसीलों पर 3 जुलाई से लेखपालों का धरना जारी है। अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार लेखपाल तहसीलों पर धरने में बैठे हुए हैं। बिजनौर तहसील के लेखपालों ने अपनी मांगों के साथ बिजनौर कलक्ट्रेट पर धरने दे रहे हैं। इनका आरोप है कि प्रदेश सरकार द्वारा लेखपाल के काम को देखते हुए उनके वेतन और अन्य जरूरी खर्चों में वृद्धि की जानी चाहिए। जब तक हमारी मांगों को नहीं माना जायेगा तब तक हम प्रदर्शन करते रहेंगे।
जनपद के लेखपालों के जिला महामंत्री नरेंद्र सिंह ने प्रदेश सरकार को लेखपालों का विरोधी बताते हुए कहा कि लेखपाल लगातार वेतन वृद्धि को लेकर 3 जुलाई से धरने पर बैठे हुए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा जब तक उनकी मांगों को लेकर उनके हक में फैसला नहीं दिए जाएगा, तब तक सभी लेखपाल बिना कामकाज किए इसी तरह धरने पर बैठे रहेंगे।
जिला महामंत्री ने बताया कि प्रदेश की सभी तहसीलों पर हमारा प्रदर्शन लेखपाल संघ द्वारा जारी है। हमारी मांगे हैं कि हमारे वेतन के ग्रेड को 2000 से बढ़ाकर 2800 रुपये किया जाए। वेतन विसंगति को भी दूर किया जाए। साथ ही डाटा को फीड रखने के लिए हमें लैपटॉप उपलब्ध कराया जाए। हमें शुरू से साइकिल भत्ता दिया जा रहा है जिसे मोटरसाइकिल भत्ता में बदलकर पेट्रोल का मूल्य दिया जाये। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
Published on:
17 Jul 2018 02:55 pm
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