
बिजनौर। प्रदेश सरकार कितने भी जन सुनवाई पोर्टल बना ले अथवा भ्रष्टाचार को रोकने के लिए शिकायत केंद्र बनवा ले। लेकिन भ्रष्टाचार रुकने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। ताजा मामला बिजनौर जिले का है जहां सदर तहसील का एक लेखपाल पवन कुमार खेती की करीब डेढ़ सौ गज जमीन का दाखिल खारिज कराने की एवज में किसान से 2300/-रुपए की मांग की थी।
किसान ने जब लेखपाल की मांग पर रुपया दिया तो लेखपाल एक वीडियो में खुलेआम डेढ़ हजार रुपया लेते हुआ दिखाई दे रहा था। साथ ही इस वायरल वीडियो में तहसील में कौन कितनी रिश्वत ले रहा है। उसका भी लेखपाल उल्लेख कर रहा है। इस वायरल वीडियो को लेकर बिजनौर एसडीएम इंद्रजीत सिंह ने जांच तहसीलदार धर्मेन्द्र कुमार को दी थी। जांच के आधार पर एसडीएम ने लेखपाल को ससपेंड कर दिया है।
आपको बता दें कि सदर तहसील क्षेत्र के दल्लू धनौरा गांव निवासी किसान नीटू ने नांगल जट गांव में डेढ़ सौ गज खेती की जमीन खरीदी थी। जिसका दाखिल खारिज होना था। क्षेत्र का लेखपाल पवन कुमार सरकारी अभिलेख में नाम दर्ज कराने की एवज में रिश्वत लेने नीटू के पास ही पहुंच गया। ऐसे में रिश्वत देने वाले किसान ने भी लेखपाल का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। जिसके बाद यह मामला चर्चा का विषय बना रहा।
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वायरल वीडियो की शिकायत अन्य लोगो द्वारा जब जिले के एसडीएम इंद्रजीत सिंह से की गई तो उन्होंने इस मामले की जांच तहसीलदार को दे दी। तहसीलदार की जांच के आधार पर एसडीएम ने इस लेनदेन में लेखपाल को गलत बताते हुए ससपेंड कर दिया है।
Published on:
03 May 2018 06:38 pm
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