
Bikaner News : संस्था प्रधानों की लापरवाही का खामियाजा राज्य के 13 हजार से अधिक बच्चे भुगत रहे हैं। पांचवी और आठवीं के इन बच्चों का परिणाम बोर्ड ने रोक दिया है। वजह, स्कूलों के संस्था प्रधानों ने बच्चों के सत्रांक नहीं भेजे थे। अब पंजीयक कार्यालय ने फिर से विद्यार्थियों के सत्रांक भेजने का आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि इन सत्रांकों और लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक जोड़ कर परिणाम जारी किया जाता है। हुआ यह कि प्रदेश के कई सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों के संचालकों ने निर्धारित समय तक मॉडयूल में सत्रांक प्रविष्ट नहीं किए।
इधर, पंजीयक कार्यालय ने पांचवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम महज 25 दिनों में जारी तो कर दिया, लेकिन इन 13 हजार बच्चों के मनोभावों को समझने की कोशिश शायद किसी ने नहीं की। नतीजा यह है कि प्रभावित बच्चे और उनके अभिभावक मानसिक तनाव में हैं। इसके चलते पूरी व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं।
इतने बच्चे हुए प्रभावित
प्रदेश के 13 हजार 88 विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोका गया है। इसमें कक्षा पांच के 9538 तथा कक्षा आठ के 3550 विद्यार्थी शामिल हैं। कक्षा 8 की परीक्षा 28 मार्च से 4 अप्रेल तक एवं कक्षा 5 की परीक्षा 30 अप्रेल 4 मई तक आयोजित हुई थी।
अब तीन जून तकमांगे सत्रांक
जिन विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोका गया है। स्कूलों के प्रधानों से तीन जून तक सत्रांक मांगे गए हैं। पंजीयक ने जारी आदेश में कहा है कि विद्यालय लॉगिन पर सत्रांक प्रविष्टि मॉड्यूल शुक्रवार से खोल दिया गया है। शाला प्रधान 3 जून तक सत्रांक प्रविष्ट कर सकेंगे। जिले में मुय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, पीइइओ तथा यूसीइइओ, संस्था प्रधानों को कार्य सपन्न करने के लिए पाबंद करने के लिए आदेश जारी किए गए।
Updated on:
01 Jun 2024 03:16 pm
Published on:
01 Jun 2024 03:15 pm
बड़ी खबरें
View Allबीकानेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
