- दो दिन से सात बसें के रूट रद्द- आमजन की सुविधा दरकिनार
बीकानेर. समान पात्रता परीक्षा के लिए संभागभर एवं अन्य जिलों से परीक्षार्थी परीक्षा देने पहुंचे। परीक्षार्थियों की सुविधा रोडवेज में नि:शुल्क यात्रा व्यवस्था के तहत कराई जा रही है। रोडवेज बीकानेर आगार की ओर से परीक्षार्थियों के लिए 20 अतिरिक्त बसें लगाई गई हैं। यातायात प्रबंधक मदनसिंह राजपुरोहित ने बताया कि परीक्षार्थियों के लिए सात रूट की बसें एवं 13 अन्य बसें लगाई गई हैं। इसके अलावा दूसरे जिलों से परीक्षार्थियों को लेकर आने वाली बसों को भी परीक्षार्थियों को वापस छोड़ने के लिए भेजा जा रहा है। हनुमानगढ़ से दस, चूरू से दस, सरदारशहर से आठ, नागौर से दस, श्रीगंगानगर से दो बसें परीक्षार्थियों को लाने-ले-जाने में लगी हैं। इन सारी व्यवस्थाओं के बीच जिन रूट की बसों को रद्द किया गया, उनसे सामान्य यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ा।
अलग काउंटर व लाउड स्पीकर से उद्घोषणाबीकानेर रोडवेज बस स्टैंड पर परीक्षार्थियों की सुविधार्थ विशेष इंतजाम किए गए हैं। बसों को परीक्षार्थियों की संख्या के मुताबिक रूट पर भेजा जा रहा है। इसके बस स्टैंड पर दो परिचालक गुलशेर अली भुट्टो एवं रामकिसन शर्मा को लगाया गया है। जयपुर, नागौर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर व अन्य जगहों पर जाने वाले परीक्षार्थियों के लिए रोडवेज पर लाउड स्पीकर से उद्षोषित किया जा रहा है। बस में चढ़ने के दौरान धक्का-मुक्की व अव्यवस्था से बचाने के लिए बसों को निर्धारित समय से पहले खड़ा कर गंतव्य स्थान के नाम के साथ उद्घोषणा की जा रही है।
इन बसों के रूट रद्द
- सुबह साढ़े पांच बजे जयपुर- सुबह साढ़े पांच बजे हनुमानगढ़
- सुबह 7.20 बजे हनुमानगढ़- सुबह साढ़े 7 बजे हनुमानगढ़
- सुबह नौ बजे हनुमानगढ़- सुबह दस बजे हनुमानगढ़
- भीनमाल जाने वाली बस
दो दिनों में 59 हजार से अधिक परीक्षार्थी पहुंचे
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से समान पात्रता परीक्षा का आयोजन किया गया। परीक्षा के लिए दो दिनों में 59 हजार से अधिक परीक्षार्थी बीकानेर पहुंचे। इस दौरान दूसरे दिन रविवार को पहली पारी में 14977 तथा दूसरी पारी में 15024 विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए पहुंचे। परीक्षा के लिए दो दिनों में 88236 विद्यार्थी रजिस्टर्ड थे, जिसमें से 59686 ने केंद्र पर पहुंचकर परीक्षा दी।---------------------
पत्रिका व्यू
एक को राहत, बाकी आहत क्यों
सरकार की ओर से परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले परीक्षार्थियों के लिए नि:शुल्क यात्रा की व्यवस्था करना निश्चय ही सराहनीय पहल है। इसमें जो सबसे अच्छी बात है, वह यह है कि परीक्षार्थी बिना किसी खर्च के एक तरह से सरकार की जिम्मेदारी पर परीक्षा केंद्रों के निकट तक और फिर वापसी में घर तक की सुविधा प्राप्त कर लेता है। उसका समय बचता है और धक्का-मुक्की की स्थिति से भी बचत हो जाती है। हालांकि, इस निशुल्क सुविधा का दूसरा पहलू भी है, जो आमजन व रोडवेज के नियमित यात्रियों की सुविधा से जुड़ा होता है। अक्सर उनकी जरूरत को लेकर प्रशासन उदासीन ही रहता है। रोडवेज की बसें दूसरे रूटों पर जाने से, उनके रूट रद्द हो जाने से अथवा बाकी बसें ठसाठस भर जाने से आम लोग परेशान होते हैं। सरकार व प्रशासन को चाहिए कि ऐसी परीक्षाओं के प्रबंधन का ख़ाका खींचते समय उससे प्रभावित होने वाले वर्ग अथवा आमजन का भी ध्यान रखे और उनके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था का विकल्प अपनी व्यवस्था में समायोजित रखे, तभी इस समस्या से निजात मिलेगी।