गरीबी बनी अरमानों में रोड़ा
प्रिया की बचपन से ही खेलों में रुचि थी। कबड्डी, कुश्ती में उन्होंने प्रतिभा दिखाई। वह खेलों में अलग पहचान बनाना चाहती थीं, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति के चलते पिता के लिए पांच भाई-बहन का पालन-पोषण आसान नहीं था। शादी बाद वह अपने लक्ष्यों में जुट गई।
रंग लाती है मेहनत
अपने लक्ष्यों को पूरा करने की ललक प्रिया के मन को झकझोर रही थी। फिर प्रिया अपने परिचित श्रवण कुमार सोनी के जरिए जयपुर के एक जिम से जुड़ीं। परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूती देने के लिए जिम में नौकरी की। इसी दौरान उन्हें दिल्ली में होने वाली बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता की जानकारी मिली, जिसमें राजस्थान से कोई महिला शामिल नहीं हो रही थी। प्रिया रोजाना 6-5 घंटे तक वर्कआउट कर वर्ष 2018 में राज्य की पहली महिला बॉडी बिल्डर बनीं।
ये मिल चुके हैं खिताब
प्रिया ने वर्ष 2018-19 व 2020 में लगातार तीन बार मिस राजस्थान बॉडी बिल्डर का खिताब जीता। इसी तरह 2021 में कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन व 2022 में मुंबई में हुए वर्ल्ड वुमन लीडरशिप अवॉर्ड हासिल किया। इसके अलावा गुजरात में 150 देशों के एक आयोजन में प्रिया ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व भी किया।