गौरतलब है कि सिंचाई विभाग की ओर से हाथ खड़े कर देने पर किसानों ने एक टोली बनाकर कुमटा नहर के सीएचडी माइनर की 46 से 47 आरडी तक माइनर को पानी का बहाव आने के लिए मिट्टी को निकाला। साथ ही छह व सात सीएचडी के किसानों ने नहर की सफाई की। इससे पूर्व गत सोमवार को किसानों ने बैठक की थी। इस दौरान किसानों सिंचाई विभाग व तहसीलदार को माइनर में मिट्टी होने कारण अन्तिम छोर पर बैठे किसानों को पीने का पानी नहीं पहुंचने को लेकर ज्ञापन सौंपा था लेकिन सिंचाई विभाग की पिछले एक महीने से मिट्टी निकालने को लेकर अनदेखी व बजट नहीं होने को लेकर हाथ खड़े करने बाद किसानों ने सोमवार रात्रि को नहर की सफाई करने पर विचार हुआ था। इसके बाद मंगलवार को नहर की मरम्मत का काम शुरू किया गया।
किसानों ने पांच-छह घंटे तक धूप में पसीना बहाया। इस दौरान ओमप्रकाश गोदारा, लालचन्द गोदारा,राजाराम, रामप्रताप, नारायण, कालुराम, तरसेम सिंह, हेतराम, अन्नाराम, मदनलाल, सुभाष, विनोद, फेजु खां, रामस्वरूप, महावीर, तेजाराम, श्योपतराम, जेलाराम भेराराम आदि किसानों ने श्रमदान किया।