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युवा गलतफहमी में न रहे, युवा हो रहे ज्यादा शिकार

locationबीकानेरPublished: Apr 23, 2021 12:28:54 pm

Submitted by:

Jai Prakash Gahlot

७२३ में सर्वाधिक २२२ युवा कोरोना पॉजिटिव

युवा गलतफहमी में न रहे, युवा हो रहे ज्यादा शिकार

युवा गलतफहमी में न रहे, युवा हो रहे ज्यादा शिकार

बीकानेर। कोरोना की दूसरी लहर से गंभीर स्थितियां बन रही है। बीकानेर में कोरोना मरीज बढऩे से जन जागरूकता पखवाड़े के तहत कफ्र्यू जैसी पाबंदियां लगी हुई है। कोविड-१९ की दूसरी लहर में जो लोग संक्रमित हो रहे हैं, उनमें युवाओं की एक बड़ी संख्या है जबकि पहली लहर में बुजुर्गों की संख्या अधिक थी। बीकानेर में इन दिनों हालात विकट है। कोरोना के चपेट परिवार के परिवार आ रहे हैं। शहर के शहरी व ग्रामीण क्ष्ेात्र में कई परिवार के सभी सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं।

गुरुवार को बीकानेर में ७२३ नए लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसमें चौकान्ने वाली बात है कि ७२३ में से ४९२ पुरुष और २४७ महिलाएं शामिल हैं। इनमें भी १५ साल तक के २९ लड़के, २३ लड़कियां, १५ से ३० साल के १९३ पुरुष व ७४ महिलाएं, ३० से ४५ साल के १५५ पुरुष व ७६ महिलाएं, ४५ से ६० साल के ७५ पुरुष व ५० महिलाएं, ६० साल से अधिक के ४० पुरुष और २४ महिलाएं संक्रमित हुई हैं। गौर करने वाली बात है कि कामकाजी युवा व ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं।

बच्चे भी आ रहे अधिक
चिंता इस बात की भी है कि बच्चे भी सर्वाधिक चपेट में आ रहे हैं। एक अप्रेल से अब तक जिले में ५ हजार ४०७ लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से जीरों से १५ सात तक के ४८७ बच्चे हैं। राहत की बात यह है कि इनमें से किसी भी बच्चे की हालत चिंताजनक नहीं है। और ना ही उन्हें अस्पताल भर्ती करने की जरूरत पडी हैं। युवाओं व बच्चों की इम्युनिटी अच्छी होती है लेकिन ऐसा नहीं है कि यह संक्रमित नहीं हो सकते।

तेजी से फैल रहा संक्रमण
कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। इसकी रफ्तार पिछले साल से चार गुना अधिक है। जनवरी से मार्च तक हर तीन दिन में एक मरीज मिल रहा था वहीं पिछले तीन दिन में ही मरीजों का आंकड़ा २३६५ पहुंच गया है जो डरावना है। एक अप्रेल को २४ घंटे में ७० मरीज रिपोर्ट हो रहे थे। अब २४ घंटे में ८०० से अधिक मरीज रिपोर्ट हो रहे हैं। डराने वाली बात है कि जनवरी से मार्च तक केवल एक मरीज की मौत हुई थी जबकि अप्रेल के २३ दिनों में ही ३२ मरीजों की मौत हो चुकी हैं।
यह है वजह
१५ से ३० साल के उम्र वाले घर से सबसे ज्यादा बाहर निकलते हैं, यात्रा करते हैं। सार्वजनिक स्थानों पर लोगों से मिलते-जुलते हैं। बाहरी वातावरण में इनका समय ज्यादा गुजरता है। इसलिए इन पर संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है। एक वजह यह भी है कि दूसरी लहर आने से पहले ४५ से अधिक उम्र वालों का टीका लग चुका है। वैक्सीनेशन के दोनों चरणों में जोखिम वाले आयुवर्ग के लोगों को टीका लगाकर सुरक्षत दायरे में लाया गया। टीका लगने से इस आयु वर्ग के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई और यह इस महामारी की चपेट में कम आ रहे हैं।

सांस की तकलीफ वाले ज्यादा
पीबीएम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा घातक है। पिछली बार की तुलना में इस बार बुजुर्गों से १० फीसदी ज्यादा युवा ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। युवाओं की लापरवाही उन्हें कोरोना का शिकार बना रही। दूसरी लहर में मरीजों को सांस की तकलीफ ज्यादा हो रही है। सांस की तकलीफ भी गंभीर वाली है। कोरोना के कारण मरीजों के फेंफड़ों की हालत खस्ता है। युवा सावधानी रखें, खुद भी बचें और परिवार को भी बचाएं।
डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा, वरिष्ठ प्रोफेसर एवं नोडल ऑफिसर कोरोना पीबीएम अस्पताल
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