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तीन जून की सुबह पहुंच जाएगा पानी, अफसरों ने डाला डेरा

एक माह की नहरबंदी के बाद अब नहीं रहेंगी पीने के पानी की कमी

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तीन जून की सुबह पहुंच जाएगा पानी, अफसरों ने डाला डेरा

तीन जून की सुबह पहुंच जाएगा पानी, अफसरों ने डाला डेरा

बीकानेर. एक माह की नहरबंदी के संकट का सामना कर रहे शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। उन्हें ३ जून की सुबह से पानी की भरपूर आपूर्ति होनी शुरू हो जाएगी। फिलहाल इन्दिरा गांधी नहर में छोड़ा गया पानी जीरो आरडी इन्दिरा गांधी कैनाल तक पहुंच गया है। यहां से ७० किलोमीटर बिरधवाल तथा उससे १६४ किलोमीटर चलकर पानी हुसंगसर कैनाल तक पहुंचेगा। जिसे पहुंचने में ७२ घंटे का समय लगेगा। पानी की निगरानी के लिए जलदाय विभाग के अधिकारी पिछले दो दिन से पजाब और हरियाणा बोर्डर पर अपना डेरा डाले हुए हैं। उन्हें नहरबंदी के बाद औद्योगिक इकाइयों से छोड़े जाने वाले कैमिकल युक्त पानी की चिंता भी सता रही थी, लेकिन इस बार कैमिकल युक्त पानी की आवक सामान्य पानी के साथ नहीं हो रही है। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मु य अभियंता अजय शर्मा सहित अन्य अधिकारी पिछले दो दिन से इस बात की निगरानी कर रहे हैं, कि कहीं आमजन को पिलाए जाने वाले पानी में औद्योगिक इकाइयों की ओर से गंदे पानी का मिश्रण नहीं कर दें। शर्मा ने बताया कि यह अच्छी बात रही कि इस बार अभी तक पंजाब और हरियाणा के औद्योगिक इकाई संचालकों ने नहर में कैमिकल युक्त दूषित पानी को नहीं छोड़ा है।
पहले बीछवाल पहुंचेगा

जलदाय विभाग के अतिरिक्त मु य अभियंता अजय शर्मा ने बताया कि करीब एक माह तक नहरबंदी की परेशानी झेल रहे शहरवासियों को ३ जून से पेयजल आपूर्ति पूर्व की भांति शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले बीछवाल जलाशय में पानी की पहुंच होगी, उसके बाद शोभासर में पानी आएगा। उन्होंने बताया कि पानी की गुणवत्ता को देखने और उसकी जांच करवाने के लिए अधिकारियों ने दो दिन पहले ही इन्दिरा गांधी नहर कैनाल की निगरानी करनी शुरू कर दी थी। फिलहाल पानी की गुणवत्ता को लेकर कोई समस्या सामने नहीं आई है।

२००० क्यूसेक छोड़ा, ५००० की मांग

जलदाय विभाग के अधिकारियों ने इन्दिरा गांधी नहर में ५००० क्यूसेक पानी छोडऩे की मांग कर रहे हैं, जबकि फिलहाल २००० क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया है। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मु य अभियंता अजय शर्मा ने बताया कि २००० क्यूसेक पानी छोडऩे के कारण पानी का प्रेशर नहीं है। ऐसे में उसे बीकानेर पहुंचने में समय लग रहा है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में दो राज्यों के अधिकारियों से वार्ता चल रही है कि वह २००० क्यूसेक के स्थान पर ५००० क्यूसेक पानी छोड़े, ताकि पानी के चलने की गति बढ़ सके। शर्मा ने बताया कि नहर में दूषित पानी को छोड़े जाने की संभावना और पानी चोरी को देखते हुए लगातार अधिकारी निगरानी रखे हुए हैं। अगर ऐसा पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ स त कार्रवाई की जाएगी।


एक माह हुई परेशानी

नहरबंदी के चलते बीकानेर ही नहीं, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू तथा जोधपुर जिले के लोगों को भी पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ा था। असल में इन्दिरा गांधी नहर से ही इन जिलों में पेयजल आपूर्ति किया जाता है। बीकानेर के अंदरूनी हिस्सों में पानी का संकट दूसरे हिस्सों की तुलना में अधिक देखने को मिला। इस संबंध में राजस्थान पत्रिका की ओर से लगातार ग्राउंड रिपोर्टिंग करने के बाद जलदाय विभाग के अधिकारियों ने निशुल्क टैंकर को भिजवाने की संख्या में इजाफा भी किया था। वहीं शहर के भामाशाहों की ओर से भी निशुल्क पेयजल आपूर्ति लगातार की जा रही थी।