
Calculation of wildlife
जिले में वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्रों में वैशाख पूर्णिमा पर बुधवार को वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना शुरू की गई। यह गणना गुरुवार सुबह तक चलेगी। वहीं गणना में लगे कर्मियों को दुर्लभ वन्यजीवों के नजर आने पर मोबाइल से वीडियो बनाने को कहा गया है।
जोड़बीड़ व गजनेर में वन्यजीवों की गणना के लिए कर्मियों द्वारा वीडियो भी बनाया जा रहा है। गणना के दौरान दक्ष कर्मी वन्यजीवों की प्रजाति के अनुसार मांसाहारी, शाकाहारी की गणना अलग-अलग करेंगे। गणना के दौरान कर्मी वन्यजीवों के आने का समय भी दर्ज करेंगे।
वन्यजीवों की गणना के दौरान वनविभाग के कर्मियों के साथ ही स्टूडेंट्स और एनजीओ का भी सहयोग लिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार प्रत्येक वाटर हॉल पर वन विभाग के एक कर्मी के साथ स्टूडेंट व एनजीओ टीम का गठन किया गया है। जो 24 घंटे वाटर हॉल पर पानी पीने के लिए आने वाले वन्यजीवों की गणना करेगी।
जल स्त्रोतों के साथ जोड़बीड़ में बनाए गए गजलर के पास भी हाइड बनाकर गणना की जाएगी।वन्यजीवों की गणना के लिए जोड़बीड़ में 12, गजनेर में चार प्वाइंट बनाए गए हैं। इन जगहों पर बुधवार को सुबह छह बजे से गणना शुरू हो गई है यह गुरुवार सुबह छह बजे तक चलेगी।
नोखा, कोलायत, लूणकरणसर, बीकानेर साउथ ब्लॉक, नॉर्थ ब्लॉक, श्रीडूंगरगढ़ रेंज में गणना हो रही है। हर रेंज पर करीब 10 से 20 कार्मिक लगाए हुए है।
चल रही गणना
बुधवार को शुरू हुई गणना गुरुवार को सुबह तक चलेगी। यहां वन्यजीव दिन में एक बार पानी पीने के लिए आता है यहां जल प्वाइंट पर कार्मिक लगे हुए है जो इनकी गणना करेंगे।
रामनिवास कुमावत, उपवन संरक्षक, वन्यजीव बीकानेर
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
