इसी क्रम में सेमिनार के मुख्य वक्ता गुरु गोविन्द सिंह, इन्द्रप्रथ यूनिवर्सिटी न्यू दिल्ली के डीन फैकल्टी ऑफ लॉ प्रो. एपी. सिंह ने ज्यूरिस पूडेंशिया का अर्थ समझाते हुए सार्वभौमिक घोषणा में अधिकार और कर्तव्य के बारे में जानकारी दी। वहीं राजकीय डूंगर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जीपी सिंह ने बताया कि जब भी शासन काल में कर्तव्यों का पालन हुआ वह शासन काल स्वर्णिम काल रहा।
प्रथम सत्र में प्राचार्य डॉ. भगवानाराम बिश्नोई ने छात्रों से कर्तव्य पालन करने का आह्वान किया गया। इस अवसर पर डॉ. पूजा छींपा, मल्लिका परवीन एवं मीनाक्षी कुमावत ने पत्र वाचन किया। कार्यक्रम में डॉ. अनन्त कुमार जोशी, किशन लाल कुम्हार, इन्दिरा, डॉ. श्रवण सैनी, मेहा शर्मा, रश्मि गुप्ता, प्रो. चन्दन बाला, डॉ. आरती अनेजा, डॉ. प्रशान्त भादू, डॉ. अनिल कुमार कौशिक डॉ. वीएन सिंह, डॉ. बिठ्ल बिस्सा, डॉ. एस.के सैनी, डॉ.डी.एस थालोड़ आदि की उपस्थिति रही।