इसमें करीब तीन सौ कार्मिक वर्तमान में पदस्थापित है वहीं करीब दो सौ कार्मिक और अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जिन्हें पेंशन का इंतजार है। सरकार की ढिलाई के कारण अब कार्मिकों को अंदेशा है कि जून माह का वेतन भी उन्हें समय पर नहीं मिल पाएगा। कार्मिकों और अधिकारियों पर गहराए आर्थिक संकट के चलते अब रोडवेज से सेवानिवृत हुए कार्मिकों के संगठनों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है।
आरएसआरटीसी रिटायर्ड एम्पलाइज एसोसिएशन के सचिव गिरधारी लाल ने बताया कि पिछले तीन साल से रोडवेज कार्मिकों को कभी भी समय पर वेतन नहीं मिला है। ऐसे में कार्मिकों और अधिकारियों को कोरोना महामारी में भी संकट का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार को बार-बार अवगत करवाने के बाद भी वह इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
डेढ़ करोड़ का वेतन
बीकानेर आगार में वर्तमान में पदस्थापित कार्मिकों के मासिक वेतन करीब डेढ़ करोड़ रुपए प्रतिमाह बनता है। ऐसे में दो माह का वेतन करीब तीन करोड़ रुपए बकाया हो जाएगा। रोडवेज एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि कोरोना महामारी में रोडवेज कार्मिकों ने निस्वार्थ भाव से सेवा की, लेकिन राज्य सरकार उन्हें समय पर वेतन भी नहीं दे पाई। इस संबंध में रोडवेज कार्मिकों ने आंदोलन करने के लिए भी कई बार प्रयास किए, लेकिन उनकी आवाज को प्रशासन द्वारा दबा दिया जाता। सेवानिवृत्त एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें समय पर वेतन नहीं मिला तो वे आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे।