देव प्रबोधनी एकादशी पर भगवान विष्णु के निद्रा से जागने के साथ मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। वहीं देव प्रबोधनी एकादशी पर भगवान विष्णु के मंदिरों में विशेष पूजन, अर्चना और महाआरती के आयोजन होंगे। घरों में भी देव उठनी एकादशी पर धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन होंगे।
147 दिन बाद शादी-विवाह
चातुर्मास के बाद देव (Dev) प्रबोधनी एकादशी पर 147 दिन के बाद शहनाईयां (shehnaiyan) गूंजेगी। पंडित किराडू के अनुसार चातुर्मास के कारण 01 जुलाई से शादी विवाह के मांगलिक कार्यक्रम वर्जित रहे। देव उठनी एकादशी से मांगलिक कार्यक्रम शुरू होंगे। नवम्बर में 25 और 30 तारीख तथा दिसम्बर में 7, 9 और 11 तारीख को शादी विवाह के श्रेष्ठ मुहूर्त में शादी विवाह के मांगलिक कार्यक्रम होंगे। 15 दिसम्बर से मळमास शुरू होने के साथ ही शादी विवाह के मांगलिक कार्यक्रम फिर से वर्जित हो जाएंगे। मळमास 14 जनवरी तक चलेगा।
दिसम्बर के बाद अगले साल अप्रेल में शादी विवाह
पंडित किराडू के अनुसार इस साल दिसम्बर में शादी विवाह के मांगलिक कार्यक्रम के बाद अगले साल अप्रेल में शादी विवाह (marriage) के श्रेष्ठ मुहूर्त है। 14 जनवरी को मळमास पूर्ण होने के बाद 17 जनवरी से गुरु ग्रह अस्त हो जाएगा। यह 13 फरवरी को उदय होगा। 14 फरवरी को शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा जो 18 अप्रेल को उदय होगा। इस कारण 18 अप्रेल 2021 तक शादी विवाह के मांगलिक कार्यक्रम वर्जित रहेंगे। इस दौरान शादी विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवित संस्कार, नव व्यवसाय शुरूआत, नव प्रतिष्ठान उद्घाटन के कार्य वर्जित रहेंगे। इस समय नक्षत्र पूजन और नाम करण संस्कार के कार्यक्रम हो सकेंगे। अगले साल 22 अप्रेल से फिर से शहनाईयां गूंजेंगी।