- सात साल में 457 महिलाओं को मिला मातृत्व सुख - पीबीएम के फर्टिलिटी क्लिनिक में हर साल 65 महिलाओं का उपचार
केस एक : नाम भगवानी देवी (बदला हुआ)। शादी को 11 साल हो गए लेकिन, संतान का सुख नहीं मिला। कई जगह चेकअप कराया। निजी सेंटरों में इलाज महंगा होने से भी उपचार नहीं ले पाई। बीकानेर के पीबीएम में फर्टिलिटी क्लिनिक शुरू होने पर उपचार लिया और 11 साल बाद पुत्र के रूप में पहले बच्चे को जन्म दिया।
केस दो : नाम ममता देवी (बदला हुआ)। शादी को छह साल हो गए लेकिन गर्भ नहीं ठहर रहा था। ऐसे में मानसिक तनाव में आ गई। दिल-दिमाग में यह बात घर कर गई कि कभी मां नहीं बन पाएगी। आखिरकार भगवान ने सुनी और पीबीएम के फर्टिलिटी सेंटर तक पहुंची। अब पुत्री को जन्म दिया है।
जयप्रकाश गहलोत/बीकानेर. संतान सुख प्राप्त करने से वंचित दम्पती के लिए बीकानेर के पीबीएम अस्पताल का फर्टिलिटी क्लिनिक वरदान साबित हो रहा है। इसकी बदौलत कई महिलाओं की सूनी गोद में बच्चे की किलकारियां गूंजी है। सालों से बच्चे के लिए तरस रहे परिवारों की मानों मन्नत इस जगह आकर पूरी हुई है। इस फर्टिलिटी क्लिनिक से उपचार लेकर सात साल में 457 महिलाओं की गोद में बच्चे अठखेलियां कर रहे हैं।
दो साल काम रहा बंद, अब एक साल से चालू
पीबीएम के फर्टिलिटी क्लिनिक को वर्ष 2016 के सितंबर में चालू किया गया। कोरोनाकाल में क्लिनिक को बंद कर दिया गया। अब फिर एक साल से यह क्लिनिक चल रहा है। बीते सात साल में 457 महिलाएं मां बन चुकी है। यानि हर साल 65 महिलाओं को बांझपन से छुटकारा मिल रहा है। हालांकि फर्टिलिटी क्लिनिक में संसाधनों का अभाव है। आईवीएफ विशेषज्ञ और संसाधन मुहैया दिए जाएं तो यह और बेहतर ढंग से कार्य कर सकेगा।
यहां यह इलाज
पीबीएम के फर्टिलिटी क्लिनिक में हार्मोन प्रोफाइल सहित निसंतानता संबंधित जाचें, दम्पती की काउंसलिंग, ऑव्यूलेशन इंडक्शन, ब्लॉक ट्यूब्स का ऑपरेशन की सुविधा है। फर्टिलिटी क्लिनिक पीबीएम जनाना अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति विभाग की नई बिल्डिंग में संचालित हो रहा है। इसकी प्रभारी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनिका सोनी है। यह क्लिनिक सितंबर 2016 से संचालित हैं। क्लिनिक में मंगलवार और गुरुवार को आउडोर रहता है। आठ से दस महिलाएं पहुंचती है। सुबह नौ से 12 क्लिनिक चलती है।
आईवीएफ सेंटर बनाने के करेंगे प्रयास
पीबीएम की फर्टिलिटी क्लिनिक को आईवीएफ सेंटर बनाने के प्रयास करेंगे। गायनिक विभाग एवं संबंधित चिकित्सा अधिकारी से इस संबंध में प्रस्ताव मांगे गए हैं, उन प्रस्तावों को सरकार को भेजकर ध्यान आकर्षित कराएंगे। पीबीएम में आईवीएफ सेंटर बनने से सैकड़ों महिलाओं को नि:शुल्क उपचार मिल सकेगा।
डॉ. गुंजन सोनी, प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज