जेल में मसाले तैयार होने से अब ठेकेदार से मिर्च-मसालों की आपूर्ति बंद कर दी गई है। जेल प्रशासन संभाग की सभी जेलों में मिर्च-मसाले आपूर्ति करने के बाद अब आमजन को बेचने शुरू करने जा रहा है। अगस्त माह से जेल में तैयार मसाले खुले बाजार में आमजन को बेचे जाएंगे। जेल मसालों के लिए ब्रांड नाम जेल मुख्यालय से तय किया जाएगा।
इनके प्रस्ताव पर जेलों में काम हुआ शुरू
जेल आईजी विक्रमसिंह ने जेलों में बंद बंदियों से मिर्च-मसाले तैया कराने का प्रस्ताव बनाकर प्रदेश कारागार मुख्यालय में पेश किया था जिसको सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इसके बाद प्रदेेश की 10 सेंट्रल जेलों में बंद बंदियों को मिर्च.मसाले तैयार करने का काम सौंपा गया। विदित रहे कि पूर्व में प्रदेश की जेलों में बंदियों के लिए मिर्च, हल्दी, धनिया आदि मसालों की आपूर्ति ठेकेदार के माध्यम से होती थी। ठेकेदार कच्चा माल बाजार से लेकर उन्हें तैयार करने के बाद जेलों में सप्लाई करते थे, जिसकी गुणवत्ता भी संदिग्ध रहती थी। इसलिए गुणवत्ता के मद्देनजर जेल प्रशासन ने मिर्च-मसाले जेल में बंद बंदियों से तैयार करवाने का निर्णय लिया है।
कच्चा माल कर रहे तैयार
जेल प्रशासन के मुताबिक बंदी कल्याण कोष के बजट से कच्चा माल जैसे हल्दी, मिर्च व धनिया पीस कर मसाला तैयार कर जिला व सब-जेलों में सप्लाई किया जा रहा है। जिला एवं सब-जेल प्रशासन की ओर से इन मसालों को आमजन के लिए बाजार में उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए बाजार सहित मेले-त्योहार और सरकारी सांस्कृतिक कार्यक्रमोंं में स्टॉल लगाकर रियायती दर पर मसाले बेचे जाएंगे। बाजार में स्टॉल जेल मुख्यालय की अनुमति के बाद लगाई जाएगी।
अब तक जेलों में ये काम
प्रदेश की बीकानेर जेल में कारपेट, धागा, कपड़ा, फिनायल, जयपुर में लकड़ी काम, कोटा में रेडिमेड कपड़े सिलाई का काम, उदयपुर में अलमारी, कूलर सहित दरी व निवार-पट्टी बनाने काम बंदियों से करवाया जा रहा है।
जेल मिर्च हल्दी धनिया
बीकानेर केन्द्रय कारागार २५० ९० १०५
जिला जेल हनुमानगढ़ १३५ ५० ५८
उप-कारागार नोहर २५ १० १०
उप कारागार भादरा ०८ ०३ ०४
जिला कारागार चूरू ४० १५ १७
उप कारागार रतनगढ़ ११ ०४ ०५
उप कारागार राजगढ़ १७ ०६ ०८
मसाले तैयार करने में आई इतनी छीजत
बीकानेर केन्द्रीय कागार को मिर्च ५२० किलोग्राम खरीद की गई, जिसमें से छीजत आई ३४ किलोग्राम, हल्दी १८० किलोग्राम और छीजत आई दो किलो तथा धनिया २१० किलो सप्लाई किया गया तथा छीजत ३ किलोग्राम आई। जेल मुख्यालय ने मिर्च पर छीजत सात, हल्दी पर एक और धनिया पर १.५ प्रतिशत निर्धारित किया गया था जबकि पीसाई के बाद मिर्च में १० और हल्दी व धनिया में पांच-पांच प्रतिशत की छीजत आई।
बंदियों को काम, सरकार को फायदा
जेलों में मसाले तैयार कराने से बंदियों को काम मिल रहा है वहीं सरकार को भी फायदा हो रहा है। यहां तैयार मिर्च मसाले में गुणवत्ता की कोई कमी नहीं। अब तक जेलों में डिमांड के अनुसार मसाले आपूर्ति किए जा रहे थे। मसाले पीसने वाली एक नई मशीन मिली है। अब मिर्च-मसाले बाजार में रियायती दर पर बेचे जाएंगे, जिसका सरकार को फायदा होगा।
परमजीतसिंह सिद्धु, अधीक्षक बीकानेर केन्द्रीय कारागार
जेलों में मसाले तैयार कराने से बंदियों को काम मिल रहा है वहीं सरकार को भी फायदा हो रहा है। यहां तैयार मिर्च मसाले में गुणवत्ता की कोई कमी नहीं। अब तक जेलों में डिमांड के अनुसार मसाले आपूर्ति किए जा रहे थे। मसाले पीसने वाली एक नई मशीन मिली है। अब मिर्च-मसाले बाजार में रियायती दर पर बेचे जाएंगे, जिसका सरकार को फायदा होगा।
परमजीतसिंह सिद्धु, अधीक्षक बीकानेर केन्द्रीय कारागार