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स्वर्ण कारोबार में लौटने लगी रौनक, अब सावों पर नजर

locationबीकानेरPublished: Feb 23, 2021 07:18:15 pm

Submitted by:

Jaibhagwan Upadhyay

bikaner news – Gold is returning to business, now Savon is under watch

स्वर्ण कारोबार में लौटने लगी रौनक, अब सावों पर नजर

स्वर्ण कारोबार में लौटने लगी रौनक, अब सावों पर नजर

एक्सक्लूसिव स्टोरी
जयभगवान उपाध्याय
बीकानेर.
लॉकडाउन में करीब दस माह की मंदी का सामना कर चुका स्वर्ण कारोबार अब गुलजार होता दिख रहा है। सोने-चांदी की कीमतों में लगातार हो रही गिरावट और अनलॉक के चलते बाजार में लौटी ग्राहकों की रौनक को इसकी मुख्य वजह माना जा रहा है। प्रदेश में करीब १५ से २५ हजार करोड़ रुपए का सालाना कारोबार करने वाले स्वर्ण कारोबार की अब आगामी वैवाहिक सावों पर नजरें टिकी है। लॉकडाउन में अक्षय तृतीया (अबूझ सावे) सरीखे कई महत्वपूर्ण वैवाहिक सावे नहीं होने के कारण स्वर्ण कारोबार को करोड़ों रुपए के नुकसान का सामना करना पड़ा था।

इसलिए लौटी रौनक
बीकानेर सर्राफा समिति के अध्यक्ष सुनील सोनी बताते हैं कि पिछले छह माह में सोने और चांदी की कीमतों में भारी कमी आई है। उन्होंने बताया लॉकडाउन में सोने की अधिकतम कीमत करीब ५७ हजार रुपए प्रति दस ग्राम तथा चांदी करीब ७८ हजार रुपए प्रति किलो हो चुके थे। लेकिन पिछले छह माह में सोने-चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। वर्तमान में सोना (जेवराती) प्रति दस ग्राम ४६ हजार तथा चांदी करीब ७० हजार ५ सौ रुपए प्रति किलो बिक रही है। सोने में करीब १० से ११ हजार रुपए प्रति दस ग्राम तथा चांदी में प्रति किलो करीब आठ हजार रुपए की गिरावट पिछले छह माह में हुई है। स्वर्ण कारोबारी श्रीनारायण तथा आशीष सोनी बताते हैं अनलॉक के चलते अब बाजार में अब ग्राहकी लौटने लगी है। उन्होंने बताया कि आगामी महीनों में प्रस्तावित मांगलिक कार्यों के लिए अभी से लोगों ने स्वर्ण आभूषणों की बुकिंग करवानी शुरू कर दी है।

प्रवासी कारीगर भी लौटे
स्वर्ण कारोबार की तेजी को देखते हुए अब प्रवासी स्वर्ण कारीगर भी अपने-अपने कारोबारी ठिकानों पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। बीकानेर सहित जयपुर, जोधपुर सहित अन्य जिलों में सबसे अधिक बंगाल के स्वर्ण कारीगर इस कारोबार से जुड़े हैं। बीकानेर सर्राफा समिति के अध्यक्ष सुनील सोनी ने बताया कि अकेले बीकानेर में सालाना करीब एक हजार करोड़ रुपए का स्वर्ण कारोबार होता है। उन्होंने बताया कि इस कारोबार में पूरे राजस्थान में करीब पांच लाख स्वर्ण कारीगर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। दिल्ली, हैदराबाद, कोलकात्ता तथा सूरत में रहने वाले लोग स्वर्ण कारोबार के लिहाज से बड़े खरीदार माने जाते हैं।

मुुश्किल में निकले दिन
स्वर्ण कारोबार से जुड़े बीकानेर के कृष्णा सोनी ने बताया कि लॉकडाउन में पिछले नौ-दस माह बड़ी मुश्किल से कटे। उन्होंने बताया कि बंगाल तथा राजस्थान के स्वर्ण कारीगरों की सबसे अधिक मांग रहती है। बंगाल के स्वर्ण कारीगर वसीम, हरिजीत तथा सुदर्शन ने बताया कि लॉकडाउन में मांगलिक कार्यों की पाबंदी के चलते बेरोजगारी का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में वे अपने-अपने गांव लौट गए थे, लेकिन अब कारोबार शुरू होने के साथ ही स्वर्ण कारीगर वापस भी लौटने लगे हैं।
कारोबार पर एक नजर

– प्रदेश में सालाना 15 से 25 हजार करोड़ का होता है स्वर्ण आभूषणों का कारोबार
– अकेले बीकानेर में सालाना एक हजार करोड़ रुपए का कारोबार
– सबसे अधिक बंगाल और राजस्थान के हैं स्वर्ण कारीगर
– बीकानेर में स्वर्ण कारीगरों की संख्या 6से 7 हजार
– राजस्थान में तैयार होने वाले जड़ाऊ के स्वर्ण आभूषणों की पूरे विश्व में मांग
– स्वर्ण कारोबार से करीब पांच लाख लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं

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