वार्षिक परीक्षाओं तक अंकों का निर्धारण : जिन कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएं नहीं होती, उनमें प्रथम व द्वितीय परख 20-20 अंकों की, अद्र्ध वार्षिक परीक्षा 60 अंकों की तथा वार्षिक परीक्षा 100 अंकों की होगी। हर विषय में कुल 200 अंकों की परीक्षा होगी।
बोर्ड परीक्षा वाली कक्षाओं में हर विषय में कुल 100 अंकों की परीक्षाएं होगी। इनमें प्रथम व द्वितीय परख के 20-20 अंक तथा अद्र्ध वार्षिक परीक्षा 60 अंकों की होगी। बोर्ड परीक्षाओं में भेजे जाने वाले 20 फ ीसदी आंतरिक मूल्यांकन के अंकों का निर्धारण इन्हीं परीक्षाओं के आधार पर किया जाएगा।
यह रहेगा पेपर पैटर्न
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने अद्र्ध वार्षिक परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों के अंकभार के बारे में भी गाइड लाइन जारी की है। पहली व दूसरी कक्षा में 30 अंकों के प्रश्न, पहचान आधारित होंगे। तीसरी से पांचवीं में भी 30 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रकार की लिखित परीक्षा होगी। 12 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन तथा 18 अंकों की मौखिक परीक्षा होगी। कक्षा 6 से 8वीं तक की अद्र्ध वार्षिक परीक्षाएं 60 अंकों की होगी। इसमें 42 अंकों की लिखित परीक्षा, 12 अंकों का आंतरिक मूल्यांकन तथा 6 अंकों की मौखिक परीक्षा होगी।
कक्षा ९ से १२ तक यह व्यवस्था
कक्षा नवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं गैर प्रायोगिक कक्षाओं में 48 अंकों की लिखित परीक्षा तथा 12 अंक आंतरिक मूल्यांकन के होंगे। जबकि प्रायोगिक परीक्षाओं वाले विषयों में 34 अंकों की सैद्धांतिक, 14 अंक की प्रायोगिक तथा 12 अंकों की आंतरिक मूल्यांकन सहित कुल 60 अंकों का पेपर होगा। आंतरिक मूल्यांकन के अंक कार्य पुस्तिका पूर्णता, वर्कशीट, पोर्टफ ोलियो तथा क्विज के आधार पर तय किए जाएंगे। हर विद्यार्थी का संधारित पोर्टफ ोलियो, वर्क बुक तथा विविध आयोजित परीक्षा, आंकलन तथा मौखिक परीक्षाएं योगात्मक आंकलन तथा कक्षोंन्नति का अंतिम आधार रहेंगे।