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खाद्य सुरक्षा योजना: बंगला-कार वालों ने छोड़ा गरीबों का हक, अब सम्पन्न किसानों का नंबर, 10.41 लाख लोगों ने सूची से कटवाया अपना नाम

Give Up Campaign: अब खाद्य विभाग दूसरे चरण में एसी में रहने वाले और सम्पन्न किसानों सहित कुछ और लोगों को चयन सूची से बाहर करने की तैयारी कर रहा है।

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दिनेश कुमार स्वामी

गिव अप अभियान: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार चयनित गरीबों को हर महीने फ्री में गेहूं दे रही है। पात्र गरीबों को योजना का लाभ देने के लिए सरकार ने बंगला-कार वालों से गरीबों का हक छोड़ने की अपील की थी। सुखद है कि पिछले साल नवंबर में गिव अप अभियान के पहले चरण में 10 लाख 41 हजार लोगों ने सूची से अपना नाम कटवा लिया है। अब खाद्य विभाग दूसरे चरण में एसी में रहने वाले और सम्पन्न किसानों सहित कुछ और लोगों को चयन सूची से बाहर करने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश में 4 करोड़ 46 लाख 61 हजार लोगों को चयनित कर खाद्य सुरक्षा से जोड़ा जा सकता है।

जानकारी के अनुसार 10 साल से कम आयु वाले 12 लाख 75 हजार बच्चों और 70 साल से अधिक आयु के 3 लाख 88 हजार चयनित बुजुर्गों को केवाईसी की छूट रहेगी। इस तरह मार्च तक करीब 30 लाख नए गरीबों को खाद्य सुरक्षा सूची से जोड़ने की जगह बन जाएगी।


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100 क्विंटल गेहूं बेच ले रहे फ्री राशन

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने बताया कि 50 हजार लोग ऐसे भी चयन सूची में शामिल हैं, जो हर साल समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 100 क्विंटल गेहूं सरकार को बेचते हैं। फिर सरकार से वापस फ्री का गेहूू लेते हैं। वहीं, हर महीने 50 हजार रुपए का बिजली बिल भरने वाले भी गरीबों का हक मार रहे हैं। इन सबको भी सूची से हटाया जाएगा।

जिला - चयनित गरीब

जयपुर - 30,61,492

अलवर - 24,06,976

नागौर - 23,50,988

उदयपुर - 22,16,627

जोधपुर - 21,90,907

बाड़मेर - 18,99,397

सीकर - 17,83,229

भरतपुर - 16,26,689

अजमेर - 15,69,270

भीलवाड़ा - 14,71,430

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जिला - चयनित गरीब

बांसवाड़ा - 13,82,143

चूरू - 13,35,530

झुंझुनूं - 13,35,024

पाली - 13,22,854

बीकानेर - 13,00,685

जालोर - 12,20,624

डूंगरपुर - 11,80,489

गंगानगर - 11,64,993

दौसा - 11,24,009

झालावाड़ - 10,38,365

अलवर, उदयपुर और जयपुर में अपात्र ज्यादा

अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा से स्वयं हटवाने वालों 10 लाख 41 हजार लोगों में सबसे ज्यादा 92 हजार 700 अलवर जिले के हैं। इसके बाद जयपुर जिले के 68 हजार 267, बांसवाड़ा के 60 हजार 387, उदयपुर के 55 हजार 282, भीलवाड़ा के 45 हजार 800, नागौर के 43 हजार 756 लोग हैं। सबसे कम जैसलमेर जिले में 7 हजार 391 लोगों ने चयनित से नाम हटवाया।