मेहता ने कहा कि जीवन में सफलता का आधार स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि अपनी क्षमताओं पर भरोसा रखें , आप कर सकते हैं अपने अंदर यह सोच को विकसित करें। जीवन को बदलने की क्षमता पढ़ाई और हुनर में ही है प्रत्येक बालिका अपने अंदर हुनर विकसित करें। कार्यक्रम में महिला अधिकारिता की उपनिदेशक डॉ अनुराधा सक्सेना ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस ( International Girl’s Day ) सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम का परिचय दिया और बालिका दिवस सप्ताह के तहत आयोजित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। अरुण बीठू ने अतिथियों का आभार प्रकट किया।
बढ़ते अपराध समाज के लिए शर्म की बात
पुलिस अधीक्षक प्रहलाद सिंह कृष्णिया ने कहा कि जिस देश में कन्या पूजन होता है वहां महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध समाज के लिए शर्म की बात है। इसे बदलने के लिए कानूनी उपाय के साथ-साथ सामाजिक उपाय भी करने पडेंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान पुलिस ( Rajasthan Police ) प्रदेश भर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन ’आवाज’ प्रारंभ करने जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बच्चियां अपनी शिक्षा पूरी करें। यह उनके सक्षम बनने का आधार है।
बेटियों ने पूछे सवाल
डायलॉग विद डीएम संवाद कार्यक्रम के दौरान कई बालिकाओं ने जिला कलक्टर से सीधा संवाद किया और सवाल पूछे। एक बालिका ने मेहता से पूछा कि कलक्टर बनने के लिए कैसे पढ़ाई करुं। वहीं एक बालिका ने लॉकडाउन ( Lockdown ) के कारण शिक्षा को हुए नुकसान के संबंध में सवाल किया। बच्चियों ने बढ़ती उम्र में तनाव, महिला और बालिकाओं के खिलाफ अत्याचार की शिकायत कहां करें आदि सवाल किए। मेहता ने प्रत्येक सवाल का पूरी गंभीरता के साथ जवाब दिया। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता रही 85 बालिकाओं को भी पुरस्कृत किया गया।
’बिटिया के सपनों का मांडणा’ का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने राजस्थान की पारंपरिक मांडणा कला मे बनाए गए ’बिटिया के सपनों का मांडणा’ का विमोचन किया। यह पेंटिंग जिला स्तर के सभी कार्यालयों व ग्राम पंचायतों में लगाई जाएगी। कार्यक्रम में आईसीडीएस ( ICDS ) उप निरीक्षक शारदा चैधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग उपनिदेशक एल डी पंवार सहित महिलाएं एवं बालिकाएं उपस्थित रही।