बीकानेर

संदेश लिखी पतंगें आकाश में करेंगी अठखेलियां

बीकानेर नगर स्थापना दिवस पर आखाबीज और आखातीज के दिन पतंगबाजी की रियासतकालीन परंपरा है। दो दिनों तक शहर में जमकर पतंगबाजी होगी। शहर का आकाश रंग बिरंगी पतंगों से आच्छादित रहेगा। पूरा शहर बोई काट्या के स्वरों से गुंजायमान रहेगा। इस दौरान शहर के आकाश में हाथों से लिखे प्रेरक संदेशों वाली पतंगों की भी अठखेलियां होगी। बीकानेर सेवा योजना की ओर से नगर स्थापना दिवस के उपलक्ष में जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, बाल विवाह रोकथाम, पौधरोपण, पशु-प​क्षियों की सेवा, आपसी प्रेम और भाईचारा से ओत प्रोत संदेशों वाली पतंगों का निशुल्क वितरण शहर में किया जाएगा।

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Apr 19, 2025

बीकानेर. कहते है कि मन में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा और लगन हो तो व्यक्ति मन में ठाने गए कार्य को पूर्ण करने के लिए अवसर और समय निकाल ही लेता है। चाहे इसके लिए अनेक परेशानियां सामने आए। ऐसा ही कर दिखा रही है बीकानेर सेवा योजना की टीम। नगर स्थापना दिवस पर होने वाली पतंगबाजी के दौरान आमजन को जागरुक करने के उद्देश्य से यह टीम पिछले आठ साल से हर बार हाथों से लिखे संदेश युक्त पतंगों का निशुल्क वितरण कर रहे है। संस्था अध्यक्ष राजकुमार व्यास के अनुसार इस बार 27 अप्रेल को संदेश युक्त पतंगों का वितरण टीम सदस्यों की ओर से किया जाएगा।

पतंगों पर लिख रहेये संदेश

संस्था अध्यक्ष के अनुसार पतंगों पर हाथों से संदेश लिखने का क्रम चल रहा है। टीम में शामिल पुरुष और महिला सदस्य प्रतिदिन कई घंटे संदेश लिख रहे है।

पतंगों पर आपसी प्रेम, भाईचारा, सद्भावना, जल संरक्षण, पौधरोपण, पर्यावरण संरक्षण, पशु और पक्षी सेवा, पॉलीथीन का बहिष्कार, बाल विवाह रोकथाम, चाइनीज मांझे का बहिष्कार, स्वच्छ शहर सहित विभिन्न विषयों से जुड़े संदेश, दोहे और स्लोगन लिखे जा रहे है।

पतंगों का वितरण

संस्था अध्यक्ष के अनुसार बीकानेर सेवा योजना की ओर से वर्ष 2016 से नगर स्थापना दिवस पर संदेश युक्त पतंगों का निशुल्क वितरण किया जा रहा है। गत वर्षों से अब तक 50 हजार से अधिक पतंगे संदेश लिखी हुई वितरित की जा चुकी है। इस कार्य में संस्था से जुड़े इंजी विरेन्द्र राजपुरोहित, त्रिलोक बिस्सा, छोटू लाल चूरा, रामलाल पंवार, जुगल ओझा, सीमा पारीक, राधाश्री पुरेाहित, वीणा पारीक, राजेन्द्र चांडक, पवन राठी, के सी ओझा, रामकुमार ओझा, पूजा प्रजापत, सरस्वती भार्गव, योगेश बिस्सा सहभागी बने हुए है।

लिखने और पढ़ने का रहता है असर

संस्था अध्यक्ष राजकुमार व्यास के अनुसार संस्था के सभी सदस्य घंटों प्रेरक संदेशों को अपने हाथों से लिखते है। इससे उनके मन मस्तिष्क पर संदेशों का असर पड़ता है। वहीं जिन हाथों में ये पतंगे पहुंचती है, वे भी एक बार जरूर इन संदेशों को पढ़ते है। प्रेरक संदेशों को लिखने और पढ़ने का असर अवश्य पड़ता है।

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