scriptपुराने की संभाल नहीं, नए की फिर तैयारी | Not handling old, preparing for new again | Patrika News

पुराने की संभाल नहीं, नए की फिर तैयारी

locationबीकानेरPublished: Feb 22, 2021 11:39:40 pm

Submitted by:

Jai Prakash Gahlot

सात साल में बने दस भवन, लागत करोड़ों में

पुराने की संभाल नहीं, नए की फिर तैयारी

पुराने की संभाल नहीं, नए की फिर तैयारी

जयप्रकाश गहलोत


बीकानेर। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से संबंध पीबीएम अस्पताल में पिछले सात सालों में करोड़ों की लागत से नए भवनों का निर्माण और करोड़ों रुपए की लागत से नए उपकरणों की खरीद की गई है। नए भवनों में सुविधाएं बढ़ाई नहीं जा रही है जबकि कॉलेज व अस्पताल प्रशासन फिर से नए भवन को बनाने की तैयारी में है।

ट्रोमा सेंटर में करोड़ों रुपए खर्च हुए लेकिन इस सार-संभाल नहीं हो पा रही है। ट्रोमा सेंटर में पिछले एक हिस्से मेंं दरारें आ गई। वही यहां लगाई फाल्स सिलिंग जगह-जगह उखड़ी हुई है। मानसिक रोग विभाग, यूरोलॉजी में कई जगह सीलन आ रही है। बड़ी विडम्बना है कि करोड़ों रुपए की बिल्डिंग में सरकार सुविधाएं नहीं बढ़ा रही है। ट्रोमा सेंटर में हादसे के शिकार होकर लोग पहुंचते हैं। ऐसे में सिटी-स्केन व एमआरआई जैसी सुविधा यहां होनी चाहिए जो नहीं है। एमआरआई व सिटी स्केन सेंटर सुपर स्पेशियलिटी सेंटर में स्थापित की गई है। एक अन्य एमआरआई व सिटी स्केन सेंटर है जो ठेके पर है, वह भी ट्रोमा सेंटर में न होकर दूसरी बिल्डिंग में हैं।
यहां भी नहीं है सुविधाएं
नई डेंटल ओपीडी, श्वांंस रोग विभाग की नई बिल्डिंग में एक्स-रे की कोई व्यवस्था नहीं है। सुपर स्पेशियिलटी सेंटर में गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग की ओपीडी चलती है लेकिन एंडोस्कोपी व कोलोनास्कॉपी कराने के लिए मरीजों को पीबीएम के मुख्य भवन आना पड़ता है। एमसीएच की एएनसी बिल्डिंग में प्रसूताओं के स्वास्थ्य की जांच होती है लेकिन सोनोग्राफी कराने के लिए जनाना अस्पताल आना पड़ता है।
२० करोड़ से बनेगी नई बिल्डिंग
पीबीएम अस्पताल में संक्रमण से जुड़े रोगों के लिए अलग से ४०० बैड का अलग अस्पताल बनेगा। इस प्रोजेक्ट पर २० करोड़ रुप खर्च होंगे। राज्य सरकार और एक चैरिटेबल ट्रस्ट मिलकर इसका निर्माण करवाएंगे यह प्रस्तावित है। राज्य सरकार और सीएम मूंदड़ा चैरिटेबल ट्रस्ट के बीच इसके लिए दो साल पहले एमओयू हुआ था। कोरोना के बाद हुई परेशानी के कारण अब संक्रमण से जुड़े रोगों के इलाज के लिए अलग से अस्पताल की जरूरत महसूस हुई। तब इसे बनाने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हुई है।
सात साल में, 200 करोड़ से अधिक के निर्माण
एसपी मेडिकल कॉलेज से संबंध पीबीएम अस्पताल में वर्ष २०१५ से २०२१ तक करीब २०० करोड़ से अधिक के काम हो चुके हैं। अभी भी कई करोड़ों के काम चल रहे हैं। पीबीएम एक दानदाता की ओर से ब्लड बैंक के पूरी एक नई बिल्डिंग बनवाकर दी जा रही है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि जो नए भवन बने हैं, उनमें सर्वाधिक सुविधाओं को बढ़ाएं। हालात यह है कि एक समय में पीबीएम परिसर बेहद खुला था आज पूरा परिसर ऊंची-ऊंची बिल्डिंगों से भर गया है।
एक नजर इधर…
1 :- चुन्नीलाल सोमानी राजकीय ट्रोमा सेंटर
२६ जून, २०१५ को शुरू हुआ
लागत आई १२ करोड़

2 :- सूरजदेवी मोतीलाल दुग्गड़ राजकीय यूरो साइंसेज सेंटर
१५ जनवरी, २०१७ में शुरू हुआ
लागत आई १० करोड़
3 :-श्वसन रोग विभाग की नई बिल्डिंग
१ जून, २०२०
लागत आई एक करोड़ ३७ लाख


4 :- न्यू डेंटल ओपीडी विंग
२०१९ में शुरू हुई
लागत आई एक करोड़ २२ लाख

५ :- सुपर स्पेशियलिटी सेंटर
अप्रेल, २०२० में शुरू हुई
लागत आई १५० करोड़
६ :- एमसीएच विंग
लागत आई करीब ७ करोड़

सुविधाएं बढ़े इसके लिए प्रयासरत हूं
ट्रोमा सेंटर, सुपर स्पेशियलिटी सेंटर हो या फिर मेडिसिन ओपीडी विंग हो मरीजों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिले इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या मैन पावर की कमी की है, जिसके लिए सरकार को लिखा गया है। बीकानेर में भामाशाहों के सहयोग से नई बिल्डिंगें बनाई गई। नई बल्डिंगों में अब धीरे-धीरे सुविधाएं बढ़ा रहे हैं। करोड़ों रुपए खर्च आमजन के हित में किए तो इनका लाभ उन्हें मिले ऐसे प्रयास कर रहा हूं।
डॉ. शैतानसिंह राठौड़, प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज

ट्रेंडिंग वीडियो