दो लाख बेरोजगारो को जोडऩे का दावा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट घोषणा अनुसार नई योजना का लाभ प्रदेश के दो लाख बेराजगारों को मिलेगा। वर्तमान में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या पूरे प्रदेश में करीब एक लाख, 60 हजार है। बजट घोषणा के अनुसार वर्तमान में राज्य सरकार ने बेरोजगारों को भत्ता देने के लिए प्रतिवर्ष करीब 650 करोड़ रुपए व्यय करती है। बेरोजगारी भत्ते की राशि बढ़ाने और बेरोजगारों की संख्या में करीब 40 हजार की बढ़ोतरी होने से राज्य सरकार पर करीब 350 करोड़ रुपए का भार प्रति वर्ष बढ़ेगा।
नजदीकी जगह मिलेगा इंटर्नशिप
विभाग के जानकारों की मानें तो राज्य सरकार का उद्देश्य बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों में होने वाले काम-काज से भी रूबरू करवाना है। तीन महीने तक प्रतिदिन चार घंटे काम करने के लिए शहरी और ग्रामीण बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर ही काम मिल सकेगा। इससे पूर्व बेरोजगारों को काम देने और उनका संबंधित विभाग में भेजने से पूर्व कि क्या प्रक्रिया होगी, इस संबंध में उच्चाधिकारी मंथन कर रहे हैं।
कामकाज का मिलेगा अनुभव
वर्तमान में बेरोजगारों को केवल बेरोजगारी भत्ते की राशि दी जा रही है। नई योजना प्रभावी होने के बाद बेरोजगारों को सरकारी दफ्तरों में होने वाले कामकाज से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। अगर संबंधित बेरोजगार का सरकारी सेवा के लिए चयन होता है तो उसे सरकारी कामकाज समझने में ज्यादा आसानी होगी। विभाग योजना को जल्द ही अंतिम रूप देकर प्रदेश में जारी करेगा।
हरगोविन्द मित्तल, सहायक निदेशक रोजगार कार्यालय, बीकानेर