
टिकट काटने से आक्रोशित समर्थकों ने किया हंगामा
बीकानेर. कांग्रेस की ओर से बीकानेर शहर की पूर्व और पश्चिम विधानसभा सीट पर बार-बार प्रत्याशी बदलने से दावेदारों के समर्थकों में रविवार रात आक्रोश भड़क गया। दिनभर गोगागेट, नोखा रोड, गंगाशहर, सुजानदेसर, जस्सूसर गेट पर समर्थकों के आक्रोश प्रदर्शन चलते रहे। दोपहर में कांग्रेस ने बीकानेर पश्चिम से घोषित प्रत्याशी यशपाल गहलोत की जगह डॉ. बीडी कल्ला को टिकट देने की घोषणा की। इसी सूची में बीकानेर पूर्व के प्रत्याशी कन्हैयालाल झंवर की टिकट काटकर उनकी जगह यशपाल को प्रत्याशी घोषित किया। इसके कुछ देर बाद रामेश्वर डूडी समर्थकों ने नोखा रोड पर आक्रोश प्रदर्शन शुरू कर दिया। हंगामा चल रहा था कि यशपाल गहलोत की पूर्व से टिकट काटने की सूचनाएं आने लगी तो यशपाल समर्थक जस्सूसर गेट पर जुट गए। उन्होंने आक्रोश प्रदर्शन शुरू कर दिया। रात करीब ९ बजे कांग्रेस ने चौथी सूची जारी कर यशपाल की पूर्व से टिकट काटकर वापस झंवर को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इस पर जस्सूसर गेट पर जुटे गहलोत समर्थकों का आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने टायर व यातायात नियंत्रण बेरीकेट्स जला दिए। पुलिस की गुमटियां गिरा दी और दुकानों के आगे लगे शाइन बोर्ड को भी नुकसान पहुंचाया।
हंगामें की सूचना पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिस बल ने लाठियां भांजकर गहलोत की टिकट काटने पर विरोध कर रहे समर्थकों को खदेड़ा। इसके बाद पुलिस ने पास ही स्थित पेट्रोल पम्प को सुरक्षा घेरे में ले लिया। समर्थकों के हट जाने के बाद रात करीब पौने दस बजे पुलिसकर्मी टोलियां बनाकर चौखुटी पुल से लेकर जस्सूसर गेट तक मुख्य मार्ग पर आने वाली गलियों में घुस गए। अपने घरों के बाहर खड़े और दुकान-प्रतिष्ठान से घर लौट रहे आम लोगों को लाठियों से पीटना शुरू कर दिया। इस पर आम लोगों में पुलिस के इस रवैये से रोष फैल गया। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी माहौल बिगाडऩे के लिए आम लोगों को निशाना बना रहे है। देर रात तक जस्सूगेट क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष जुटे रहे।
यह है कहानी
झंवर को टिकट मिलने, उसके बाद कटने और बाद में वापस मिलने का किस्सा भी रोचक रहा। दरअसल डूडी नोखा से चुनाव लड़ते हैं। इसी सीट से झंवर भी निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरते हैं। झंवर 2008 में तो डूडी को शिकस्त देकर विधानसभा पहुंच गए। पिछले चुनाव 2013 में भी झंवर ने रामेश्वर डूडी को कड़ी टक्कर दी थी। डूडी ने पहले दिन से ही नोखा की सीट के राजनीतिक समीकरण अपने पक्ष में बनाने के लिए झंवर को कांग्रेस में शामिल करने के प्रयासों में जुट गए। बताया जा रहा है कि झंवर ने डूडी के सामने शर्त रखी कि उन्हें बीकानेर पूर्व से कांग्रेस का टिकट मिले तो वह नोखा से निर्दलीय चुनाव नहीं लडेंग़े। इसके बाद डूडी ने झंवर को पार्टी में शामिल करने के लिए ताकत लगा दी और सफल भी हो गए।
Published on:
19 Nov 2018 08:47 am
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