29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मौत के बाद राजस्थान सरकार को चाहिए पांच गवाह

राजधानी के मोक्षधाम, कब्रिस्तान और ग्रेवयार्ड में अंतिम संस्कार करने के लिए अब पांच लोगों को आईडी देनी होगी। यह फैसला एक महिला की मौत की जांच में मोक्षधाम की ओर से बरती गई लापरवाही के बाद लिया गया है।

2 min read
Google source verification
photo_2023-03-12_11-05-19.jpg

बीकानेर. राजधानी के मोक्षधाम, कब्रिस्तान और ग्रेवयार्ड में अंतिम संस्कार करने के लिए अब पांच लोगों को आईडी देनी होगी। यह फैसला एक महिला की मौत की जांच में मोक्षधाम की ओर से बरती गई लापरवाही के बाद लिया गया है। अब तक दो लोगों की उपस्थिति को गवाह के तौर पर मान्यता थी।

ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम ने जोन उपायुक्तों को जो आदेश जारी किए हैं, उसमें पांच लोगों की गवाही सहित पांच बिन्दुओं पर पालना करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

पांच फरवरी, 2021 को ओमेक्स सिटी, जयपुर में बीकानेर निवासी मोनालिसा की हत्या लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले भवानी सिंह ने की थी। हत्या कर सबूतों को नष्ट करने और हत्या को प्राकृतिक मृत्यु बताते हुए पुरानी चुंगी, अजमेर रोड स्थित मोक्षधाम में मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया। जांच के दौरान जब बीकानेर पुलिस मोक्षधाम पहुंची और अंतिम संस्कार का रिकॉर्ड प्राप्त करना चाहा तो कोई जानकारी ही नहीं मिली।

यह भी पढ़ें : फिर चर्चा में मोनालिसा, लिव इन पार्टनर ने ही सुलाया था मौत की नींद

अब ये करेंगे जयपुर के दोनों नगर निगम

दोनों नगर निगम सीमा क्षेत्र में संचालित सभी मोक्षधामों में अंतिम संस्कार का पूर्ण रिकॉर्ड संधारित किया जाए।

मोक्षधाम में लकड़ी बेचने वाले, क्रियाकर्म करवाने वाले, दाह संस्कार से संबंधित अन्य सामग्री बेचने वालों की जानकारी भी रखी जाए।

मृतक की पहचान होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने दिया जाए।

अंतिम संस्कार में शामिल कम से कम 5 लोगों के पहचान संबंधी दस्तावेज लिए जाएं और उनको रिकॉर्ड में रखा जाए।

दाह संस्कार से संबंधित रिकॉर्ड हर महीने नगर निगम में जमा करवाया जाए।

यह भी पढ़ें : मृतकों के शव घर पहुंचे तो मचा कोहराम, तीन साल से साथ रह रहे थे अकाल मौत का ग्रास बने 3 दोस्त

बीकानेर पुलिस ने लिखा था पत्र

बीकानेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, शहर अमित कुमार ने जयपुर जिला कलक्टर को 17 जनवरी को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने अनुसंधान में आई दिक्कत और प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए पांच सुझाव भी दिए थे। इसके बाद जयपुर कलक्टर ने राजधानी के दोनों निगम आयुक्तों को निर्देश दिए और ये आदेश जारी हुए।