
एनसीटीइ
बीकानेर . राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीइ) के मानदण्ड पूरे नहीं होने से राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, बीकानेर की मान्यता रद्द हो सकती है। एनसीटीई देश में शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थान की एपेक्स बॉडी है। यह स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता के लिए बनाई गई है।
मेडिकल शिक्षा के लिए एमसीआइ, वेटरनरी के लिए वीसीआइ, इंजीनियरिंग के लिए एआइसीटी की तर्ज पर स्कूली शिक्षा के लिए एनसीटीइ काम करती है। राज्य में दो राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान बीकानेर और अजमेर में है।
दोनों ही संस्थान एनसीटीइ के नाम्र्स पूरे नहीं कर रहे हैं। मान्यता रद्द होने के डर से संस्थान के प्राचार्य ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को विभागीय पत्र लिखकर एनसीटीइ के मानदण्डों को पूरा करने के लिए स्टाफ नियुक्त करने का आग्रह किया है।
यह है स्थिति
इन संस्थानों में राजनीति प्रभाव अथवा माध्यमिक निदेशक की मनमर्जी से एनसीटीइ के मानदण्डों की अनदेखी कर शिक्षकों की नियुक्तियां की गई है। प्राचार्य और प्रोफेसर भी एनसीटीइ के मानदण्ड पूरे नहीं कर पा रहे हैं। संस्थान में ३० पद स्वीकृत हैं। वहीं जीव विज्ञान विषय का एक पद है और कार्यरत शिक्षक ६ हैं। भौतिक विज्ञान एवं गणित के शिक्षक ही नहीं है।
इसमें प्राचार्य उप निदेशक स्तर का अधिकारी है। दो जिला शिक्षा स्तर के, १८ रीडर , ८ व्याख्याता, दो डोमेंस्टेटर के पद हैं। इयमें प्रत्येक शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता पीजी, एमएड में ५५ प्रतिशत अंक और पीएचडी या नेट पास होना जरूरी है, लेकिन इनमें ९ रीडर और ६ व्याख्याता मानदण्ड पूरे नहीं कर पा रहे हैं।
एमएड की ५० सीटें
इस संस्थान में एमएड की ५० और बीएड की १५० सीटें स्वीकृत हैं। संस्थान का प्रशासनिक नियंत्रण माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पास है और परीक्षा महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय करवाता है। नाम्र्स एनसीटीइ के लागू होते हैं।
भेजी स्टाफ की सूचना
राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, बीकानेर के स्टाफ की सूचना एनसीटीइ को भेजी दी गई है। अभी तक एनसीटीइ ने निरीक्षण नहीं किया है। निरीक्षण को देखते हुए निदेशक से नाम्र्स के अनुरूप नियुक्तियों के लिए पत्र लिखा गया है।
हरिशंकर आचार्य, प्राचार्य, राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान बीकानेर
Published on:
07 May 2018 09:48 am
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