संदीप ने बताया कि वे फिल्म में हीरो नहीं बनना चाहते है। अगर एक मिनट का दमदार किरदार मिले तो उसे अभिनय के दम जीना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड में लवस्टोरी पर सबसे ज्यादा काम होता है, जबकि हॉलीवुड में एक मिशन के तौर पर काम होता है।
बॉलीवुड में अच्छे लेखक की आवश्यकता है, ताकि अच्छी कहानियां बनाई जा सकें। अच्छे लेखक को मौका नहीं मिल पा रहा है। फिल्मकार इतिहास के साथ भारतीय संस्कृति को पकड़ें।
संदीप ने १० से अधिक सीरियलों में काम किया है। इनमें हम पांच फिर से, जय संतोषी मां, बाजीगर, हम आपके घर में रहते हैं, दिया और बाती हम, नागार्जुन शामिल हैं। वहीं हॉलीवुड की द ब्लैक प्रिंस, होटल मुंबई तथा हिन्दी फिल्म मैं तेरा आशिक, बेचैन आदि फिल्मों में काम किया है।
संदीप ने कहा कि उन्होंने मुंबई में काफी ऑडिशन दिए। इसके बाद सीरियल मिलने शुरू हुए। उन्होंने ‘दीया और बाती हमÓ में एक होटल मैनेजर के रूप में किया और फिर पीछे मुडकर नहीं देखा। संदीप ने बताया कि उनके पिता विनोद भोजक व्यवसायी व माता स्नेहलता व पत्नी सुधा गृहिणी हैं। संदीप सहित तीन भाई-बहन हैं।