31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तेजस्वनी गौतम बीकानेर की नई एसपी

योगेश यादव को डीआइजी एसओजी लगाया

2 min read
Google source verification
तेजस्वनी गौतम बीकानेर की नई एसपी

तेजस्वनी गौतम बीकानेर की नई एसपी

बीकानेर. आइपीएस तेजस्वनी गौतम बीकानेर की नई पुलिस अधीक्षक होंगी। राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने सोमवार रात जारी की 75 आइपीएस की तबादला सूची में उन्हें यहां लगाया गया है।

बीकानेर के मौजूदा पुलिस अधीक्षक योगेश यादव को पदोन्नति के बाद डीआइजी एसओजी जयपुर में पदस्थापन मिला है।

आइपीएस तेजस्वनी गौतम वर्तमान में अलवर पुलिस अधीक्षक हैं। उनका तबादला बीकानेर किया गया है। तबादला सूची में बीकानेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित कुमार बुडानिया को प्रतापगढ़ पुलिस अधीक्षक लगाया है।

उनके स्थान पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर आइपीएस हरीशंकर को लगाया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बीकानेर पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार बिश्नोई को यातायात जयपुर पुलिस अधीक्षक लगाया है।


दूसरी बार महिला आइपीएस को कमान

बीकानेर में दूसरी बार किसी महिला आइपीएस को जिला पुलिस की कमान सौंपी गई है। इससे पहले आइपीएस प्रीति चन्द्रा पुलिस अधीक्षक रह चुकी है। नव नियुक्त एसपी गौतम मूलरूप से दिल्ली की रहने वाली है।

वे दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक है। दिल्ली विवि की टॉपर व गोल्ड मेडलिस्ट रही है। साथ ही राजस्थान कैडर की इकलौती आइपीएस है। इनका थियेटर से करीब 17 साल से जुड़ाव है। अब भी नुक्कड़ नाटक का मंचन करती है।


अपराधियों में भय व आमजन में विश्वास का धेय


आइपीएस तेजस्वनी वर्ष 2013 के बैच की है। उन्होंने बताया कि बतौर एसपी किसी जिले में उनकी चौथी पोस्टिंग है। चूरू, बांसवाड़ा व अलवर में एसपी रह चुकी हैं। अजमेर में प्रोबेशन काल पूरा किया। डीसीपी जयपुर भी रहीं।

भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर में एसपी और एएसपी बस्सी जयपुर के पद पर रह चुकी है। बीकानेर में सबसे पहले जिले की भौगोलिक स्थिति का जायजा लेंगी। फिर अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास पैदा करने का प्रयास करेंगी।


जनजुड़ाव क अच्छा माध्यम नाटक

नई एसपी तेजस्वनी ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि अपनी बात को जन-जन तक पहुंचाने के लिए नुक्कड़ नाटक सबसे अच्छा माध्यम है। इसमें कोई पैसे नहीं लगता। खुद लोगों के बीच जाकर सामान्य भाषा में अपनी बात लोगों तक आसानी से पहुंचा सकते है।

आइपीएस रहते नुक्कड़ नाटक करना कतई अजीब नहीं लगता। जयपुर, अजमेर, चूरू अलवर के बाद अब बीकानेर में भी नुक्कड़ नाटक करने का प्रयास रहेगा। वैसे भी बीकानेर रंगमंच और कला प्रेमियों का शहर माना जाता है।