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तत्कालीन महाराजा गंगासिंह के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता

locationबीकानेरPublished: Feb 26, 2021 08:03:16 pm

Submitted by:

Jaibhagwan Upadhyay

bikaner news – The contribution of the then Maharaja Ganga Singh cannot be forgotten.

तत्कालीन महाराजा गंगासिंह के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता

तत्कालीन महाराजा गंगासिंह के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता

छठे महाराजा गंगा सिंह स्मृति व्याख्यान माला आयोजन
बीकानेर.
हम शिक्षा को वह स्थान नहीं दे पाए हैं जो भारतीय परंपरा में उल्लेखित है। आवश्यकता है ज्योतिष शास्त्र, व्याकरण, वेद, संस्कृत और गणित विषयों को बढ़ावा देने की। साथ ही अब शिक्षकों को भर्ती करने से पहले उनके प्रशिक्षण को रियायती बनाया जाना समय की जरूरत है।
यह बात गुरुवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के तत्वावधान में आयोजित छठे महाराजा गंगा सिंह स्मृति व्याख्यान में प्रो. तेज कुमार माथुर ने कही। उन्होंने बताया कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के समय महाराजा गंगा सिंह ने बीकानेर रियासत से 14 हजार रुपए सालाना चंदे के रूप में भेजने की बात अपनी ओर से की थी। इस अवसर पर व्याख्यानमाला की संयोजिका इतिहास विभाग की सहायक आचार्य डॉ. मेघना शर्मा ने अतिथि परिचय के साथ-साथ बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह को आधुनिक बीकानेर का निर्माता बताया।
इसी क्रम में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष व निदेशक प्रो. राजाराम चॉयल ने महाराजा गंगा सिंह पर विस्तृत शोध की जरूरत पर बल दिया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने मदन मोहन मालवीय और बीकानेर के तत्कालीन महाराजा गंगा सिंह के योगदान पर चर्चा की। कार्यक्रम में परीक्षा नियंत्रक डॉ. जसवंत खीचड़ और वित्त नियंत्रक संजय धवन के अतिरिक्त प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल, प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, डॉ. सीमा शर्मा, डॉ. प्रगति सोबती, संतोष शेखावत, डॉ. अभिषेक वशिष्ठ, डॉ. गौतम मेघवंशी, डॉ. अनिल कुमार दुलार, उप कुलसचिव डॉ. बि_ल बिस्सा, फौजा सिंह, डॉ चंद्रशेखर कच्छावा, डॉ. पीएम जैन सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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