यह अलर्ट रूम 24 घंटे और सप्ताह में 5 दिन तक लगातार सक्रिय रहेगा जब तक कि हालात सामान्य नहीं हो जाते।
भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे बज्जू कस्बे में युवाओं की टोली ने एक नया उदाहरण पेश किया है। कस्बे के मुख्य बाजार में स्थित जाम्भोजी मंदिर के पास एक टेंट में बैठी यह टीम प्रशासन से प्राप्त निर्देशों को आमजन तक पहुंचाने में जुटी हुई है। इस पहल को ‘जनता का अलर्ट रूम’ नाम दिया गया है। कस्बे के टॉवर पर चार दिशाओं में लाउडस्पीकर लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से किसी भी प्रशासनिक आदेश या अलर्ट की जानकारी तुरंत प्रसारित की जाती है। स्पीकर का संचालन एक युवक द्वारा कंट्रोल रूम से माइक के जरिए किया जाता है।
24 घंटे अलर्ट मोड पर टीम, दो पालियों में ड्यूटी
यह अलर्ट रूम 24 घंटे और सप्ताह में 5 दिन तक लगातार सक्रिय रहेगा जब तक कि हालात सामान्य नहीं हो जाते। लाउडस्पीकर से लेकर टेंट तक की समस्त व्यवस्थाएं युवाओं ने स्वविवेक से की हैं। दिन और रात के लिए अलग-अलग ड्यूटी टीम गठित की गई है। उपखंड प्रशासन और पुलिस थाने से लगातार समन्वय बनाकर सूचनाएं आमजन तक पहुंचाई जा रही हैं।
व्हाट्सएप ग्रुप, लाउडस्पीकर और फील्ड में अलर्ट
युवाओं की जिम्मेदारी इस प्रकार बांटी गई है। कुछ सदस्य व्हाट्सएप ग्रुप पर सूचनाएं साझा करते हैं।कुछ माइक से घोषणाएं करते हैं। वहीं कुछ युवा आपात स्थिति में फील्ड में जाकर लोगों की मदद को तैयार रहते हैं। ब्लैकआउट या बिजली कटौती की स्थिति में भी सूचना प्रसारण निर्बाध रूप से जारी रहे, इसके लिए इन्वर्टर की व्यवस्था की गई है। लाउडस्पीकर वाई-फाई से जुड़े कोडलेस माइक से संचालित होते हैं, जो कंट्रोल रूम में रहता है। आपात स्थिति में सायरन बजाने की भी व्यवस्था की गई है।
जिम्मेदारी: बाजार बंद से लेकर फेक न्यूज खंडन तक
प्रशासन से जैसे ही बाजार बंद या अन्य निर्देश प्राप्त होते हैं, यह टीम लाउडस्पीकर के माध्यम से पूरी सूचना प्रसारित करती है। टेंट में गद्दे, चटाई, कुर्सी जैसी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं। आमजन यहां आकर सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही फेक न्यूज का खंडन कर, सही जानकारी दी जाती है।
अलर्ट टीम में शामिल प्रमुख युवा
इस अलर्ट टीम में सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक, व्यापारी और जनप्रतिनिधि सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।सदस्यों में सुरेश, श्रवण, सुभाष, विजय, गोपाल, श्रवण, धनसा , महेश, अनिल, शंकर, ओमप्रकाश (शारीरिक शिक्षक), कैलाश, जयपाल (शिक्षक), गंगाबिशन, राजाराम, सुरेश, मुकेश, रमेश बिश्नोई। अलर्ट रूम के संचालन में युवाओं के साथ-साथ कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं। सक्रिय संगठन के रूप में सीमाजन कल्याण समिति, विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, किसान संघ और व्यापार मंडल ने भूमिका अदा की।