
bikaner technical university
बीकानेर. जिले के दो इंजीनियरिंग कॉलेजों में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम (टेक्यूप-3) के तहत लगे 35 शिक्षकों की सितंबर में समय अवधि पूरी हो जाएगी। एेसे में पहले से संसाधनों की कमी से जूझ रहे इन कॉलेजों में टेक्यूप से लगे शिक्षकों के जाने से शिक्षण व्यवस्था बिगड़ सकती है। सरकार के पास इसकी कोई तैयारी दिखाई नहीं दे रही है।
टेक्यूप-3 के तहत इन कॉलेजों को विश्व बैंक की ओर से फंडिंग दी जा रही है और शिक्षक भी लगाए गए हैं। इनकी सितंबर में तीन वर्ष का कार्यकाल पूरी हो जाएगा। इन शिक्षकों के जाने से कॉलेजों में छात्र-शिक्षकों का अनुपात भी बिगड़ेगा। हालांकि इन कॉलेजों में छात्र संख्या स्वीकृत सीटों की तुलना में कम है, इस लिहाज से भी शिक्षक उपलब्ध नहीं है।
एनबीए एक्रेडिटेशन के लिए बीटेक में 20 विद्यार्थी पर एक शिक्षक होना चाहिए। ये शिक्षक कुल चार साल की स्वीकृत सीटों के हिसाब से होने चाहिए। किसी शाखा की 60 सीटों के लिए चार साल में 12 शिक्षक होने चाहिए।
इंजीनियरिंग कॉलेज, बीकानेर की स्थिति
सीटें : 660
विद्यार्थी : 398
टेक्यूप फैकल्टी : 18
वर्तमान नियमित फैकल्टी : 102
शाखा वाइज टेक्यूप फैकल्टी
मैकेनिकल : 8
कम्प्यूटर साइंस एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी : 5
इलेक्ट्रिकल : 2
सिविल : 1
इलेक्टॉनिक्स : 2
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूसीईटी) बीकानेर
सीटें : 330
विद्यार्थी : 280
टेक्यूप फैकल्टी : 17
वर्तमान नियमित फैकल्टी : 57
शाखा वाइज टेक्यूप फैकल्टी
मैकेनिकल : 3
इलेक्ट्रिकल : 4
सिविल : 4
सिरेमिक : 4
मैथेमेटिक्स : 1
कम्प्यूटर साइंस : 1
फिर गेस्ट फैकल्टी
टेक्यूप से लगे शिक्षकों के जाने से कॉलेज में काफी प्रभाव पड़ेगा। इनमें सबसे ज्यादा मैकेनिकल विभाग में ही फर्क पड़ेगा। फिर गेस्ट फैकल्टी से काम चलाना पड़ेगा।
डॉ. जयप्रकाश भाम्भू, प्राचार्य, इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर
पड़ेगा फर्क
इन फैकल्टी के जाने से कई शाखाओं में फर्क पड़ेगा। सरकार को इन कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी या नियमित फैकल्टी को लगाना पड़ेगा।
डॉ. एसके बंसल, प्राचार्य, यूसीईटी, बीकानेर
Published on:
15 Mar 2020 11:27 am
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